प्रदीप शर्मा/भिंडः गोली, बोली और बंदूक के लिए जाने जाने वाले चंबल इलाके के भिंड जिले में बंदूक रखना अब आसान नहीं होगा. क्योंकि भिंड जिले में बिजली विभाग ने एक ऐसा फरमान सुनाया है जिससे बंदूक के शौकीन लोगों की परेशानी बढ़ने वाली है. 


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यह पूरा मामला 
मूंछ, ट्रैक्टर और बंदूक चंबल अंचल की शान रही है इस शान को रखने के लिए यहां के लोग कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाते हैं, बस जब बिजली विभाग को भिंड जिले की लोगों को इस कमजोरी का पता चला तो उसका लाभ उठाने के लिए बिजली विभाग ने एक नई तरकीब निकाली है, जिला कलेक्टर के माध्यम से ऐसे 300 लोगों की लिस्ट बनाई जा रही हैं जिनके पास आर्म्स लाइसेंस है और उनको अपनी शान बचाए रखना है, तो इन लोगों को बिजली के बिल जमा करने ही होंगे. अगर बिजली के बिल जमा नहीं किए तो उनके आर्म्स लाइसेंस निरस्त कर दिए जाने की कार्रवाई की जाएगी. 


कलेक्टर ने बताया जागरूकता का कदम 
बकाया बिल उपभोक्ताओं की तीन श्रेणी बनाई गई है जिनमें घरेलू उपभोक्ता, व्यवसायिक उपभोक्ता और इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं के 300-300 लोगों की लिस्ट आर्म्स शाखा द्वारा बनाकर बिजली विभाग के सुपुर्द की गई है. जो लोग बिजली का बकाया बिल जमा नहीं करेंगे उनके आर्म्स लाइसेंस की निरस्त करने की कार्रवाई जिला कलेक्टर के द्वारा की जाएगी. जिला कलेक्टर अपने इस कदम को लोगों में जागरूकता लाकर बकाया बिजली बिलों को भरवाने के पहल बता रहे हैं. 


बिजली कंपनी पर भी खड़े हो रहे सवाल 
भिंड में बिजली कम्पनी ने कलेक्टर के जरिए यह फरमान सुनाया है ऐसे में बिजली कम्पनी पर सवाल उठना शुरू हो चुके है, बिजली कम्पनी ने कलेक्टर कार्यालय की आर्म्स शाखा को 983 लोगों की लिस्ट भी शॉर्ट लिस्ट कर कार्रवाई को भेजी है. हालांकि मामले में कलेक्टर का कहना है कि उनका मकसद लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं है बल्कि समय से बिल जमा करवाना है. उनका मानना है की भिंड जिले में बिजली का बिल ना भरने से जिले की छवि खराब हो रही है जिसकी वजह से यह फैसला लिया गया उन्होंने कहा की बकायादारों को आर्म लाइसेन्स के सम्बंध में नोटिस भी पहले से जारी किए जाएंगे, साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी है की इतनी बड़ी कार्रवाई की नौबत ही नहीं आएगी.


पहले भी सामने आ चुका है इस तरह का फैसला 
यह कोई पहला मौका नहीं है जब बिजली कंपनी ने इस तरह का फैसला सुनाया है. इससे पहले भी बिजली कम्पनी द्वारा बिल वसूली के लिए इस तरह के फरमान सामने आते रहे हैं. दो साल पहले साल 2019 में भी इसी तरह चम्बल अंचल में उपभोगताओं के बंदूक के लाइसेन्स रद्द कराने की धमकी दी गई थी. जबकि 2020 में भी बकायदारों की सम्पत्ति कुर्क कर बिल वसूली का नोटिफिकेशन दिया गया था. वही फरवरी 2021 में तो बड़े बकायादारों के नाम सार्वजनिक तौर पर शर्मिंदा करने के नाम चौराहों और बिजली घरों पर टांग दिए गए थे और अब एक बार फिर हथियारों लाइसेन्स रद्द कराने  का डर दिखाया जा रहा है. लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ कनेक्शन हाई काटे गए हैं. 


974 करोड़ का बिल बकाया 
बता दें कि भिंड जिले में बिजली उपभोगताओं पर कंपनी का करीब 974 करोड़ की राशि का भुगतान बकाया है. ऐसे में करीब 2.5 लाख उपभोगता है जिनमें से भिंड डिवीजन में ही करीब-करीब 11 हजार उपभोक्ताओं पर 300 करोड़ का बिल बकाया है. वही रिकवरी की बात की जाए तो मार्च महीने में काफी मशक्कत के बाद भी महज 10 करोड़ का बिजली बिल ही उगाया जा सका है. 


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