इन 12 विचारों में झलकती है सुभाष चंद्र बोस की शख्सियत, पढ़कर जोश-जुनून से भर जाएंगे आप
इस खबर में हम आपको नेताजी के वो 12 विचार बता रहे हैं, जो आपको ऊर्जा और जोश से न सिर्फ भर देंगे, बल्कि आगे बढ़ने की ताकत भी देंगे. पढ़िए पूरी खबर....
भोपाल: देश आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है. भारत को आजादी दिलाने वाले महान नायकों में से एक नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक (ओडिशा) में हुआ था. नेताजी के आदर्शों और उनके कार्यों की देश में इतनी चर्चा नहीं हुई जितनी कि उनकी रहस्यमय मृत्यु और तथाकथित मृत्यु के बाद भी जीवित रहने के किस्सों की होती है. आखिर ऐसा क्या था, जिसकी वजह से नेताजी को इतना याद किया जाता है.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का पूरा जीवन नेतृत्व गुणों के ऐसे किस्सों से भरा पड़ा है, जो आज भी युवाओं के साथ सभी के लिए एक आदर्श का काम करते हैं. 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’बचपन से हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस का यह जुनून और देश के लिए कुछ कर गुजरने का नारा सुनते हुए आ रहे हैं. नेताजी ने 1919 में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया. उस दौर में भी भारतीय सिविल सेवा में चयन होने के बावजूद उन्होंने 1921 में इस्तीफा दे दिया और देश की आजादी के लिए आंदोलनों में जुट गए. उनके कई ऐसे विचार हैं, जिन्हें अपनाकर जीवन के प्रति हमारा नजरिया सकारात्मक होने के साथ हम ऊर्जा से भर जाएंगे.
नेताजी के 12 विचार
'ऐसे सिपाही जो अपने देश के प्रति हमेशा वफादार रहते हैं और देश के लिए बलिदान देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, उन्हें कभी हराया नहीं जा सकता है.'
एक सच्चे सिपाही को मिलिट्री और आध्यात्मिकता दोनों की ट्रेनिंग लेनी चाहिए'
संघर्ष किसी भी व्यक्ति को मनुष्य बनाता है. संघर्ष से ही आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है.'
मैंने अपने अनुभवों से सीखा है, जब भी जीवन भटकता है, कोई न कोई किरण उबार लेती है और जीवन से दूर भटकने नहीं देती.'
माँ का प्यार स्वार्थ रहित और होता सबसे गहरा होता है, इसको किसी भी प्रकार नापा नहीं जा सकता.'
यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े, फिर भी वीरों की भांति ही झुकना.
हमारा कार्य केवल कर्म करना है. कर्म ही हमारा कर्तव्य है. फल देने वाला स्वामी ऊपर वाला है.
एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार उसकी मृत्यु के बाद, एक हजार जीवन में खुद को अवतार लेगा.
अपनी ताकत पर भरोसा करो. उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है.
सफलता हमेशा असफलता के स्तम्भ पर खड़ी होती है.
याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है
एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की जरुरत होती है
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