3000 करोड़ का ई-टेंडरिंग घोटाला: कांग्रेस ने कहा- `मंत्रियों पर भी हो कार्रवाई, अकेले अफसरों को निशाना बनाना गलत`
ई-टेंडर घोटाले में ईडी द्वारा की जा रही कार्रवाई के बीच एमपी कांग्रेस ने बड़ी मांग की है. पढ़िए पूरी खबर...
भोपाल: मध्य प्रदेश में हुई तीन हजार करोड़ रुपये के ई-टेंडर घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय यानी (ईडी) ने कार्रवाई तेज कर दी है. इसके तहत ईडी ने मेंटाना कंस्ट्रक्शन कंपनी के चेयरमैन श्रीनिवास राजू मेंटाना और अर्नी इंफ्रा के संस्थापक आदित्य त्रिपाठी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है. जिसके बाद से ही मध्य प्रदेश के बड़े अफसरों की नींद उड़ी हुई है. ईडी की इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने मांग उठाई है कि 'संबंधित विभागों के तत्कालीन मंत्रियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. केवल ठेकेदार, कंपनी और चुनिंदा अफसरों को निशाना बनाना गलत है.'
एमपी कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि ईडी पारदर्शी कार्रवाई करे. कांग्रेस द्वारा ईडी पर आरोप लगाने को लेकर बीजेपी ने पलटवार किया है.
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बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी के प्रदेश प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि कांग्रेस अदालत नहीं है जो ED को निर्देश दे. आयकर छापे में कमलनाथ सरकार से जुड़े लोगों पर कार्रवाई हुई थी. जिन कांग्रेस नेताओं के घर से पैसे मिले उन पर भी कार्रवाई हो रही है. बता दें कि ई-टेंडर घोटाले की जांच कर रही एमपी की ईओडब्ल्यू आईटी सॉल्यूशन कंपनी के तीन डायरेक्टर विनय चौधरी, वरुण चतुर्वेदी और सुमित गोलवलकर को पहले ही जेल भेज चुकी है.
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कमलनाथ सरकार में ईओडबल्यू ने दर्ज किया था मामला
ई-टेंडर घोटाले में अचानक से शुरू हुए सर्चिंग अभियान से हड़कंप मचा हुआ है. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कुछ कंपनियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू (EOW) में मामला दर्ज किया था, जिसमें ऑस्मो आईटी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के संचालक विनय चौधरी, अरुण चतुर्वेदी और सुमित गोलवलकर, एमपीएसईडीसी के महाप्रबंधक एनके ब्रम्हे को जेल भी भेजा गया था. इस पूरे मामले में तत्कालीन जल संसाधन एवं वर्तमान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के ओएसडी पर भी ईओडब्ल्यू (EOW)ने मामला दर्ज किया था.मामले में ईडी अब तक हैदराबाद, भोपाल और बेंगलुरू में करीब 20 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है. साथ ही कई लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं.
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