भोपालः पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल में पत्रकारों से चर्चा करते हुए शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा. कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश में कई बदलाव शुरू किए थे. वे हमेशा किसानों के पक्ष में खड़े रहे हैं, हमारी सरकार ने किसान कर्जमाफी की शुरूआत की थी, क्योंकि हम किसानों को पैसा देकर उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन 15 महीने में ही उनकी सरकार गिरा दी गई. कमलनाथ ने कहा कि वे भी बहुत कुछ कर सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. 


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''भाजपा की तरह मैं भी सौदा कर सकता था"-कमलनाथ 
कमलनाथ ने कहा कि ''भाजपा की तरह मैं भी सौदा कर सकता था, क्या मेरे पास कोई कमी थी, लेकिन मैं इस तरह से एमपी की पहचान नहीं बनाता, मैंने तय किया था कि सरकार जाती है तो जाए, लेकिन सिंद्धातों से समझौता नही करूंगा. आज प्रदेश की तस्वीर आपके सामने है" दरअसल, कमलनाथ ने यह बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत को याद करते हुए कही. कमलनाथ ने बताया कि उनकी सरकार कैसे गिराई गई थी. 


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मुझे राज्य की राजनीति नहीं आती थी मैने केंद्र में राजनीति कीः कमलनाथ 
कमलनाथ ने कहा कि उन्हें राज्य की राजनीति नहीं आती थी, उन्होंने हमेशा केंद्र की राजनीति की. इसलिए यहां की राजनीति में कभी हस्तक्षेप भी नहीं किया. लेकिन केंद्र सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने प्रदेश में विकास के कई काम करवाए. कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं. यहां बहुत कुछ किया जा सकता है इसलिए मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने प्रदेश में विकास के कई काम शुरू किए थे. 


मध्य प्रदेश की 70 फीसदी आबादी कृषि पर आधारितः पूर्व सीएम 
कमलनाथ ने कहा कि एमपी की 70 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र पर आधारित है, ये ही आर्थिक गतिविधि का आधार है. आज किसान स्मार्ट हो गया है, क्योंकि किसान केवल गांव का नहीं रह गया अब वह शहर का भी हो गया है. किसान सब समझता है इसलिए अब हमें किसानों से बुनियादी बात करना होगी. मध्य प्रदेश में एडवांस खेती पर फोकस करना होगा, कृषि क्षेत्र में क्रांति कैसे आए इन मुद्दों पर विचार होना चाहिए. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा. कमलनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो कृषि कानून लागू किए हैं, उन पर वे केंद्र सरकार से सवाल पूछना चाहते है कि उद्योगपति इस सेक्टर में मुनाफा कमाने आएगा. वो मुनाफा किसान की जेब से वसूला जाएगा. ऐसे क्या नया कानून केवल उद्योगपतियों को दान देने के लिए बना है. 


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''मुझे तिजोरी खाली मिली थी उसे भरने का प्रयास किया''
कमलनाथ ने कहा कि जब वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्हें प्रदेश की तिजोरी खाली मिली थी, इसलिए वे पहले ही दिन से उस तिजोरी को भरने के प्रयास में जुट गए थे. कमलनाथ ने कहा कि वह मध्य प्रदेश में कल्चर लाना चाहते थे. लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया. 


अफसरों की सोच में लाना चाहते थे बदलाव 
कमलनाथ ने कहा कि वह अफसरों की सोच में बदलाव लाना चाहते थे. अफसर काबिल होते हैं उनकी काबिलियत के अनुसार उन्हें काम देना चाहिए. इसी दिशा में उन्होंने काम शुरू किया था. लेकिन वर्तमान में यह कुछ भी नहीं हो रहा है. 


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