भोपालः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन मध्य प्रदेश में धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2021 पारित हो गया. विधेयक पर चर्चा के लिए डेढ़ घंटे का समय रखा गया था. जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोगों ने चर्चा में हिस्सा लिया. इस दौरान कांग्रेस के विधायकों ने धर्म स्वतंत्रता विधेयक के प्रावधानों का विरोध किया. वही धर्म स्वतंत्रता विधेयक पर चर्चा करते हुए गृह एवं संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमने जो बोला वो किया है.


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ध्वनिमत से पारित किया गया विधेयक 
धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2021 विधानसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया. इससे पहले शिवराज सरकार ने 'लव जेहाद' के खिलाफ ’धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2020’ के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है. अब यह विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजा जाएगा. जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति मिलने पर यह कानून 9 जनवरी को अधिसूचित ''मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020'' की जगह लेगा. 


धर्म स्वातन्त्र्य विधेयक पर नरोत्तम मिश्रा का व्यक्तव्य 
विधानसभा में धर्म स्वातन्त्र्य विधेयक पर चर्चा करते हुए संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस ने इस विधेयक पर भय और भ्रम की स्थिति बनाई. कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती है. लेकिन हमने जो कहा था वह किया है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधेयक में एक वर्ग को टारगेट नहीं किया जा रहा. विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर भ्रम फैलाने का काम कर रहा है. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि पहले कानून में विवाह को शून्य करने का प्रावधान नहीं था, लेकिन इस विधेयक में विवाह शून्य करने का प्रावधान होगा. 


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धर्म स्वतंत्रता विधेयक में यह प्रावधान 
धर्म स्वतंत्रता विधेयक में कुल 19 प्रावधान हैं. यह कानून देश के दूसरे कानूनों से सख्ता होगा. इसमें दोषी को 10 साल की सजा के साथ-साथ जुर्माने का भी प्रावधान है. तो आइए हम यहां जानते हैं इस ड्राफ्ट के सभी 19 प्रावधानों के बारे में.....


  1. प्रलोभन, धमकी, कपट, षड़यंत्र से या धर्म छिपाकर विवाह करने पर विवाह को शून्य माना जाएगा.

  2. कानून के प्रावधानों के विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कम से कम 1 साल और अधिकतम 5 साल का कारावास होगा.

  3. कानून के प्रावधानों के खिलाफ महिला, नाबालिग, SC-ST के धर्म परिवर्तन किए जाने पर कम से कम 2 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना होगा.

  4. अपना धर्म छिपाकर कानून के प्रावधानों के खिलाफ धर्म परिवर्तन करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा व ₹50000 जुर्माने का प्रावधान.

  5. दो या दो से अधिक लोगों का एक ही समय में धर्म परिवर्तन पर कम से कम 5 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और कम से कम 1 लाख रुपए के अर्थदंड का प्रावधान है. 

  6. एक से अधिक बार कानून का उल्लंघन पर 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान है.

  7. कानून के दायरे में आने के बाद विवाह शून्य घोषित करने का भी प्रावधान है.

  8. पैतृक (मूल) धर्म  में वापसी को धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा.

  9. धर्म परिवर्तन करने पर परिजन की शिकायत को कानून में जरूरी किया जाएगा.

  10. इस अधिनियम के तहत दर्ज अपराध संज्ञेय और गैरजमानती होंगे. जिसकी सुनवाई सेशन कोर्ट या फिर विशेष अदालत में होगी. 

  11. प्रावधान के मुताबिक सब इंस्पेक्टर से नीचे का पुलिस कर्मी इस कानून के तहत दर्ज मामले की जांच नहीं करेगा.

  12. प्रावधान में निर्दोष होने के सबूत पेश करने की बाध्यता अभियुक्त पर रखी गयी है.

  13. इस विधेयक में विवाह शून्य करने का प्रावधान होगा.  

  14. प्रावधान के मुताबिक पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण हासिल करने का अधिकार दिया जाएगा.

  15. पैदा हुए बच्चे को अपने पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में दावा करने की स्वतंत्रता होगी.

  16. अधिनियम के तहत दर्ज मामले में धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्थाएं और लोग भी आरोपी के बराबर कार्यवाही के दायरे में आएंगे. साथ ही ऐसी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा.

  17. धर्म परिवर्तन कराने के पहले कलेक्टर को 2 महीने पूर्व सूचना देना जरूरी होगा.

  18. सूचना नहीं देने पर 3 से 5 साल तक की सजा और ₹50000 जुर्माने का प्रावधान.

  19. 2021 का अधिनियम पारित होने के बाद 1968 का मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्र अधिनियम खत्म हो जाएगा. 


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