गांधीजी की हत्या पर जिन्ना ने कही थी ऐसी बात, भारत में लोग हो गए थे नाराज!
महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना एक दूसरे की काफी इज्जत करते थे. महात्मा गांधी की जब हत्या हुई तो मोहम्मद अली जिन्ना ने शोक संदेश भेजकर महात्मा गांधी की तारीफ भी की थी लेकिन वह इसमें कुछ ऐसा लिख गए थे, जिसे लेकर भारत के लोगों में काफी नाराजगी देखी गई थी.
नई दिल्लीः महात्मा गांधी देश के बंटवारे से काफी दुखी थी चूंकि वह हिंदू मुस्लिम एकता के बडे़ समर्थक थे. बंटवारे के बाद वह चाहते थे कि दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध रहें लेकिन क्या आप जानते हैं कि महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की जब हत्या हुई तो पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) ने एक शोक संदेश भेजा था. इस शोक संदेश में जिन्ना ने गांधी को महान बताया था लेकिन वह इसमें एक ऐसी बात लिख गए थे, जिसे लेकर भारत में कई लोग नाराज हो गए थे!
मोहम्मद अली जिन्ना ने गांधी की हत्या पर भेजा था ये संदेश
जिन्ना ने गांधी की हत्या पर भेजे शोक संदेश में लिखा था कि "मैं मिस्टर गांधी पर हुए घातक हमले से सदमे में हूं, जिसमें उनकी जान चली गई. भले ही हमारे बीच राजनीतिक मतभेद रहे लेकिन वह हिंदू समुदाय के एक महान नेता थे. वह एक ऐसे नेता थे, जिन पर लोगों का विश्वास और सम्मान था.मुझे गहरा दुख है और इस मुश्किल वक्त में महान हिंदू समुदाय और उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. भारत की यह अपूरणीय क्षति है और ऐसे महान व्यक्ति के जाने से जो कमी पैदा हुई है, उसे भरना काफी मुश्किल होगा."
लोगों ने जताई नाराजगी
जिन्ना ने अपने शोक संदेश में महात्मा गांधी की खूब तारीफ की और उन्हें महान व्यक्ति बताया लेकिन अपने संदेश में जिन्ना ने महात्मा गांधी को जिस तरह से हिंदू नेता कहा, उससे देश के एक तबके में नाराजगी देखी गई. महात्मा गांधी ने देश में सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने के लिए अपनी जान दी और इसके बावजूद जिन्ना का गांधी को हिंदू नेता बताना लोगों को नाराज कर गया.
पाकिस्तान जाना चाहते थे गांधी
भारत पाकिस्तान के बंटवारे के बाद जिन्ना का दिल्ली और मुंबई का घर यहीं छूट गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन्ना चाहते थे कि वह बंटवारे के बाद भी कुछ दिन छुट्टियां बिताने भारत आएं. वहीं गांधी जी ने भी पाकिस्तान जाने की इच्छा जाहिर की थी. बताया जाता है कि महात्मा गांधी फरवरी 1948 में पाकिस्तान का दौरा करने वाले थे लेकिन 30 जनवरी 1948 को ही महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई.