नई दिल्लीः आर्थिक मोर्चे पर भारत हर दिन ऊंचाई को छू रहा है. हाल ही में भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का गौरव पाया है. अब दिग्गज बिजनेसमैन और मशहूर आईटी कंपनी इंफोसिस के संस्थापक सदस्य एनआर नारायणमूर्ति ने भी मोदी सरकार की दिल खोलकर तारीफ की है. इतना ही नहीं उन्होंने परोक्ष रूप से आर्थिक मामलों में मोदी सरकार को यूपीए की मनमोहन सरकार से बेहतर बता दिया है. 


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दरअसल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद में छात्रों के साथ बातचीत में एनआर नारायणमूर्ति ने कहा कि मैं जब लंदन में एचएसबीसी के बोर्ड का सदस्य (2008 और 2012) था. उस समय बोर्ड की मीटिंग में चीन का नाम कई बार लिया जाता था लेकिन भारत का नाम सिर्फ एक बार ही लिया जाता होगा. 


नारायणमूर्ति ने कहा कि मौजूदा सरकार को अगर पूर्व की यूपीए सरकार से तुलना करें तो पाएंगे कि फैसलों में देरी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा. हालांकि नारायणमूर्ति ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की तारीफ की. उन्होंने कहा कि जब मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे, तब 1991 में आर्थिक सुधारों के बाद अब मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाओं ने देश को काफी फायदा पहुंचाया है. 


नारायणमूर्ति ने कहा कि मनमोहन सिंह एक असाधारण व्यक्ति हैं और उनके लिए मेरे मन में काफी इज्जत है लेकिन किन्हीं कारणों से भारत का आर्थिक विकास उन दिनों थम सा गया था. फैसले जल्द नहीं लिए जा रहे थे और सबकुछ देर से हो रहा था. नारायणमूर्ति ने देश में आर्थिक सुधारों का श्रेय मनमोहन सिंह को दिया. 


देश के भविष्य पर उन्होंने कहा कि जब वह युवा थे तो उस वक्त वह खुद से और देश से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं नहीं रखते थे लेकिन अब युवाओं पर जिम्मेदारी है कि वह भारत के नाम को आगे बढ़ाएं. नारायणमूर्ति ने कहा कि एक वक्त था, जब दूसरे देशों के अधिकतर नागरिक हमें नीची नजरों से देखते थे लेकिन अब देश की इज्जत बढ़ गई है और अब हम दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं. 


नारायणमूर्ति ने कहा कि 1978 से 2022 के बीच चीन ने भारत को बहुत पीछे छोड़ दिया है लेकिन मुझे लगता है कि आने वाले समय में भारत की भी चीन जितनी ही इज्जत होगी. उल्लेखनीय है कि नारायणमूर्ति का यह बयान ऐसे समय आया है, जब हाल ही में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने देश के तेज आर्थिक विकास का श्रेय नरसिम्हा राव की सरकार और तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह को दिया था.