MP Cabinet Expansion: मैं ईश्वर की शपथ लेता हूं कि... और मोहन सरकार में मंत्री बने रामनिवास रावत
MP Cabinet Expansion: मोहन सरकार का पहली बार कैबिनेट विस्तार हुआ. इसमें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक रामनिवास रावत को मंत्री बनाया गया है. रावत ओबीसी के बड़े नेता माने जाते हैं.
MP Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश में मोहन कैबिनेट का आज पहला विस्तार हुआ. मोहन मंत्रिमंडल में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले श्योपुर की विजयपुर विधानसभा सीट से छह बार विधायक रह चुके रामनिवास रावत मंत्री बनाए गए हैं. रामनिवास रावत के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही मंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे थे. बता दें कि रावत मोहन सरकार के 31वें मंत्री बने. जानिए कैसे रहा है रामनिवास का राजनीतिक सफर.
कौन हैं रामनिवास रावत?
रामनिवास रावत श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. वह 6वीं बार विधायक चुने गए हैं, पहली बार ये 1990 में विधायक बने थे, ये दो बार मुरैना संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं, इस बार उन्होंने चुनाव में भाजपा के पूर्व विधायक बाबूलाल मेवरा को हराया था. रावत कांग्रेस में अहम पदो पर रह चुके हैं, वह दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री थे, जबकि कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं इनके बीजेपी में शामिल होने के बाद से लगातार कायास लगाया जा रहा था कि इन्हें मंत्री बनाया जा सकता है. बता दें कि इनकी गिनती ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबियों में भी होती है. चर्चा थी कि ओबीसी नेता के तौर पर राज्य की राजनीति में अपनी पकड़ बनाने वाले रावत ने कांग्रेस आलाकमान से नाराजगी और विधानसभा में विपक्ष का नेता न बनाए जाने के बाद भाजपा का दामन थामा था.
MP कैबिनेट विस्तार
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद सूबे में बीजेपी की सरकार बनी और मोहन यादव प्रदेश के सीएम बने. साथ ही साथ 30 मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. एमपी मंत्रिमंडल में 4 पद खाली थे और मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं. ऐसे में उसे भरने की कवायद तेज हो गई है. जिसमें रामनिवास रावत का नाम मंत्री बनने की लिस्ट में सबसे आगे था.
इनके नाम की थी चर्चा
रामनिवास रावत के अलावा कमलेश शाह के भी मंत्री बनने के चर्चा थी. कमलेश शाह लगातार तीन बार छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से विधायक रहे हैं. वहीं, उनकी पत्नी माधवी शाह नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर रह चुकी हैं. कमलेश शाह हर्रई राजघराने से ताल्लुक रखते हैं. अमरवाड़ा आदिवासी बहुल सीट है. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े कमलेश शाह ने भाजपा की मोनिका शाह बट्टी को 25 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी. ऐतिहासिक रूप से, भाजपा ने 1972 के बाद से केवल दो बार, 1990 और 2008 में अमरवाड़ा सीट जीती है. वहीं, आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर गोंडवाड़ा गणतंत्र पार्टी ने 2003 में एक बार जीत हासिल की थी. बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले कमलेश शाह कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हो गए थे. अमरवाड़ा उपचुनाव में बीजेपी ने इन्हें प्रत्याशी बनाया है.