MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक अजीबो- गरीब मामला सामने आया है. यहां पर पैसों के लिए जिंदा लोगों को मृत दिखा दिया गया. साथ ही साथ मृतक के नाम का पैसा भी विभाग के कर्मचारियों ने गबन कर लिया. जिस व्यक्ति को मृत दिखाकर पैसा निकाला गया था जब उसे ये सूचना मिली तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. इसकी जानकारी लगते ही लोकायुक्त ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. जानिए क्या है पूरा मामला. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है मामला 
पूरा मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सामने आया है. यहां पर नगर निगम भोपाल में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. एक दो नहीं बल्कि कई ऐसे केस सामने आए हैं, जिसमें जीवित व्यक्ति को मृत बताकर करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार किया गया है.  मामले की जानकारी लगने के बाद  8 जोनल अफसरों समेत 17 पर लोकायुक्त में केस दर्ज किया है. 


दरअसल भोपाल नगर निगम में मृत्यु सहायता के नाम पर गड़बड़ी आई सामने आई है. निगम के अफसरों ने साठगांठ कर जीवित लोगों को मृत बताकर पेमेंट कर दिया. जब इसकी शिकायत की गई तो 118 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें इस तरह का करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है. 


हुई थी शिकायत 
जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर भ्रष्टाचार करने के मामले को लेकर 19 फरवरी 2024 को अशोका गार्डन में रहने वाले मोहम्मद कमर ने लोकायुक्त में शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि था सैय्यद मुश्तफ अली के खाते में अगस्त 2023 में सहायता राशि के नाम पर 2 लाख रुपए निगम की ओर से ट्रांसफर किए गए हैं, जबकि वह जिंदा है,  जबकि जांच शुरू हुई तो ऐसे 118 मामले सामने आए इसमें से  95 केस का रिकॉर्ड नगर निगम मुख्यालय, जोनल ऑफिस और वार्ड दफ्तर से गायब मिला. 


बोले DSP
पूरे मामले को लेकर लोकायुक्त DSP संजय शुक्ला ने कहा कि सरकार की योजना को पलीता लगाया गया है, इसमें 18 मामलों में व्यक्ति जिंदा है और कागजों पर मृत बताकर फर्जी परिजन बताकर सरकार की संबल या कर्मकार मंडल योजना के तहत मौत होने पर 2 लाख की अनुग्रह राशि मिलती है उसे निकालने का मामला है.  साथ ही साथ बताया कि हैरत की बात यह है कि 95 मामलों का रिकार्ड नहीं मिल रहा है न व्यक्ति न नगर निगम के पास जानकारी है. बैंक से डिटेल मांगी है जिन खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ है. एक रिटायर्ड IAS के बेटे के नाम पर पैसा निकाला गया है. कई मजदूर की श्रेणी में भी नहीं है. अब जांच के बाद ही मामला क्लियर हो जाएगा, हालांकि भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर हुआ है. 


(भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट)