नई दिल्लीः इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है. जिसके बाद कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 92 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं. यह 7 महीने में सबसे निचला स्तर है. इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दामों में गिरावट का फायदा आम उपभोक्ता को मिल सकता है और देश में पेट्रोल डीजल के दामों में गिरावट देखने को मिल सकती है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल में एक डॉलर की कमी आने पर देश के बाजार में पेट्रोल डीजल के एक लीटर के दामों में 55-60 पैसे की कमी आ जाती है. जून माह में कच्चे तेल की कीमतें 125 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं थी, जिसके बाद दुनियाभर में पेट्रोल डीजल के दामों में तेजी देखी गई थी. अब जब कीमतें कम हो गई हैं तो इसका फायदा भी मिल सकता है. खास बात ये है कि विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल के दाम 85 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकते हैं. 


दुनियाभर में महंगाई बढ़ रही है, जिसके चलते दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्थाएं दबाव में हैं. ऐसे में कच्चे तेल की डिमांड भी कमजोर हुई है. इसका असर कच्चे तेल की कीमतों पर भी आया है. भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी से ज्यादा तेल आयात करता है. ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों का असर भारत को काफी प्रभावित करता है. कच्चे तेल के दाम जैसे ही बढ़ते हैं भारत में भी उसके असर से दाम बढ़ जाते हैं. वहीं कम होने पर भी उपभोक्ताओं को राहत मिलती है. 


मई में जब कच्चे तेल के दाम ज्यादा थे तो केंद्र सरकार ने राहत देते हुए पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला किया था. उसके बाद से देश में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.