छात्र राजनीति से केंद्रीय मंत्री तक का सफर, देखिए नरेंद्र सिंह तोमर की जिंदगी से जुड़े कुछ Rare Photos
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस वक्त ग्रामीण विकास, भू संसाधन व कृषि, पंचायती राज और किसान कल्याण मंत्रालय व सहकारिता मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे हैं.
मुरैना में हैं उनका पुश्तैनी घर
मुरैना-श्योपुर सांसद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना जिले के पोरसा तहसील के निवासी हैं. उनका पुश्तैनी घर आज भी मुरैना जिले के आरेठी गांव में स्थित है. ग्वालियर के आर्यनगर, मुरार में 12 जून 1957 को मुंशी सिंह तोमर और शारदा देवी के यहां बीजेपी के प्रमुख रणनीतिकार का जन्म हुआ.
त्योहार की तरह मनता है जन्मदिन
आरेठी गांव में उनके परिवार की आराध्य देवी आसमानी माता का मंदिर है. जहां हर शुभ कार्य से पहले उनके परिवार द्वारा पूजा की जाती है. गांव में उनके समर्थक तो उनके जन्मदिन को हर साल त्योहार की तरह मनाते हैं. पिछले साल भी कोरोना में जन्मदिन के दौरान काफी भीड़ जुट गई थी. लेकिन इस बार जन्मदिन पर शहर के हॉस्पिटल में मास्क, सैनिटाइजर और फल वितरित किए जाएंगे.
दोनों बार हिस्सा रहे मोदी कैबिनेट का
बीजेपी युवा मोर्चा से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने के बाद 1998 में वो पहली बार विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए. देखते ही देखते ही वो पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार बन गए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कई बार मध्य प्रदेश में पार्टी की सरकार भी बनवाई. केंद्र में बीजेपी सरकार बनते ही मोदी कैबिनेट ने उन्हें दोनों बार मंत्रालय का हिस्सा बनाया.
1979 में शुरू हुआ करियर
1979-80 में मुरार कॉलेज में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में करियर शुरू करने के बाद 1983 से 1987 तक ग्वालियर नगर निगम के पार्षद रहे. इस दौरान 1980 से लगातार ग्वालियर में खेल संस्थान के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली. 1991 से 1996 तक बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहने के बाद वो 1996 से लगातार बीजेपी के प्रदेश मंत्री रहे.
1998 में पहली बार बने विधायक
ग्वालियर क्षेत्र क्रमांक-15 से 1998 में पहली बार विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए और जीत हासिल की. 2003 में दूसरी बार विधायक बने. 2003 में ही उन्हें मध्य प्रदेश कैबिनेट का हिस्सा बनाया गया. 2006 तक वे लगातार कैबिनेट का हिस्सा रहे.
एक व्यक्ति-एक पद के लिए छोड़ा मंत्रालय
2006 में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पद के चुनाव हुए, प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने से ठीक पहले उन्होंने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. चुनाव में उन्हें ही निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुना गया. तोमर 'एक व्यक्ति-एक पद' के सिद्धांत को साकार करते नजर आए.
2009 में बने सांसद
15 जनवरी 2009 में पहली बार वो मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बने. अप्रैल 2009 में मुरैना-श्योपुर सीट पर उन्होंने एक लाख से ज्यादा वोटों से लोकसभा चुनाव जीता. मार्च 2010 में उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. उनके नेतृत्व में 2013 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 165 सीटों पर जीत हासिल की.
किसान आंदोलन में रख रहे केंद्र का पक्ष
2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. केंद में मोदी सरकार ने दोनों ही बार उन्हें कैबिनेट में जगह दी. नवंबर 2020 से दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर देशभर के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि केंद्र द्वारा लागू किए तीन नए कृषि सुधार कानून रद्द किए जाए. कई दौरों की बातचीत के बावजूद हल नहीं निकल पा रहा है. इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ही केंद्र की ओर से किसानों से बातचीत कर रहे हैं.