Dantewada News: फागुन मड़ई मेले की हुई शुरुआत, मंदिर में हर दिन निभाई जाएगी अनूठी रस्में

Maa Danteshwari Temple: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा स्थित आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर में विश्व प्रसिद्ध फागुन मड़ई मेले की शुरुआत हो गई. ये परंपरा 600 वर्ष से चली आ रही है. 11 दिन तक चलने वाले मड़ई में छत्तीसगढ़ सहित ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना से 1000 से अधिक देवी-देवता सम्मिलित होंगे.

रंजना कहार Sun, 17 Mar 2024-1:16 am,
1/7

फागुन मड़ई  के लिए आज से विभिन्न रीति-रिवाजों के साथ दंतेश्वरी मंदिर से नारायण मंदिर तक माई जी की डोली की परिक्रमा की गई. साथ ही माता की डोली को सलामी दी भी गई.

 

2/7

11 दिनों तक चलने वाले फागुन मड़ई  में पूरे बस्तर संभाग और आसपास के राज्य ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के देवी-देवताओं को माता जी के यहां से निमंत्रण भेजा जाता है.

 

3/7

फागुन मड़ई  में 1000 से अधिक देवी-देवता पहुंचते हैं. मंदिर के पुजारियों के अनुसार, फागुन मड़ई एक पारंपरिक परंपरा है जो लगभग 600 वर्षों से चली आ रही है.

 

4/7

फागुन मड़ई का मुख्य उद्देश्य फागुन मड़ई के नाम से बस्तर एवं अन्य राज्यों के सभी देवी-देवताओं का एक सम्मेलन आयोजित करना है. मुख्य रूप से यह फागुन मड़ई 16 मार्च से 28 मार्च तक चलेगा.

 

5/7

फागुन मड़ई  की शुरुआत से पहले बसंत पंचमी के दिन माई दंतेश्वरी मंदिर के प्रवेश द्वार पर डेरी गड़ाई रस्म की जाती है. गरुड़ स्तंभ के सामने एक डेरी गाड़ी जाती है. मंदिर के मुख्य पुजारी जिया बाबा द्वारा पूजा के बाद त्रिशूल स्तंभ स्थापित किया जाता है.

 

6/7

फागुन मड़ई  के पहले दिन कलश स्थापना से लेकर अंतिम दिन तक दंतेश्वरी मंदिर और नारायण मंदिर में ताड़ पलंगा धूनी, खोर खुंदनी रस्म, नाच मंदनी रस्म, लम्हा मार, कोडरी जैसे विभिन्न पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ पूजा की जाती है. साथ ही नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से पुराने ज़माने के शिकार के तरीकों जैसे माड़, गंवार माड़ को भी दिखाया जाता है.

 

7/7

बता दें कि होलिका दहन के दिन ताड़ के पत्तों और पलाश के फूलों से बने गुलाल को जलाकर होली खेली जाती है. फागुन मड़ई को अन्य पुराने पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ भी मनाया जाता है.

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link