Vaishakh Amavasya 2024: बुरी नजर से बचने के लिए वैशाख अमावस्या पर करें ये उपाय, दूर होंगी परेशानियां

Vaishakh Amavasya Ke Upay: हिंदू धर्म में अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल वैशाख मास की अमावस्या 8 मई बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन कुछ उपाय करने से बुरी नजर और पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है.

रंजना कहार Mon, 06 May 2024-10:09 am,
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सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. यह दिन भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के पंडित सच्चिदानंद त्रिपाठी के अनुसार वैशाख अमावस्या के कुछ उपायों के बारे में.

 

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बुरी नजर से छुटकारा पाने के लिए

बुरी नजर से छुटकारा पाने के लिए वैशाख अमावस्या के दिन कपूर, तेजपत्ता और पीपल का पत्ता लें और तीनों को पीस लें. अब इसे एक काले कपड़े में बांध कर रख लें. इसके बाद आपको इसे घर के जिस सदस्य पर बुरी नजर लगी है उसके ऊपर से 7 बार उतारना है. इसके बाद इसे किसी पीपल के पेड़ के पास ले जाकर जला दें. इस उपाय से बुरी नजर का असर खत्म हो जाता है.

 

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धन के लिए

धन की कमी को दूर करने के लिए अमावस्या के दिन एक लाल रंग का कपड़ा लें उसमें अलसी के बीज बांधें और कलावा से लपेटकर एक पोटली बना लें. इस पोटली को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें. ऐसा करने से धन में बढ़ोत्तरी होती है.

 

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पितृ दोष से मुक्ति

पितृ दोष से राहत पाने के लिए वैशाख अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए. इसके बाद इस पेड़ की 11 बार परिक्रमा करें. इसके अलावा आपको घर की दक्षिण दिशा की ओर सरसों के तेल में एक मुट्ठी तिल डालकर रखना है. अगर ये उपाय किए जाएं तो पितृ प्रसन्न होते हैं.

 

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वैशाख अमावस्या पर अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए स्नान करने के बाद ही अपने पितरों को याद करें. फिर उन्हें जल, काले तिल, सफेद फूल और कुशा चढ़ाएं. अगर आप वैशाख अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पिंडदान या श्राद्ध करना चाहते हैं तो सुबह 11 बजे से दोपहर 2:30 बजे के बीच कर सकते हैं.

 

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पंचांग के अनुसार वैशाख अमावस्या 7 मई 2024 को सुबह 11:40 बजे शुरू होगी और अगले दिन 8 मई 2024 को सुबह 08:51 बजे समाप्त होगी.

 

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बता दें कि वैशाख अमावस्या पर स्नान और दान का बहुत महत्व है. उस दिन अपने पितरों को याद किया जाता है और पितरों की पूजा भी की जाती है, ताकि वे प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद दें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE MPCG इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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