Ujjain News: चैत्र मास की चतुर्दशी पर शिप्रा नदी पर उमड़ी भीड़, पितरों की शांति के लिए किया तर्पण

Ujjain News: रविवार 7 अप्रैल को चैत्र मास की चतुर्दशी तिथि पर हजारों लोग अपने पितरों की शांति के लिए उज्जैन में शिप्रा नदी के घाट पर पहुंचे. जहां उन्होंने शिप्रा नदी में स्नान कर भगवान सिद्धनाथ की पूजा-अर्चना की और दुग्धाभिषेक किया. साथ ही शिप्रा तट के घाट पर पितरों की शांति के लिए तर्पण किया गया.

रंजना कहार Sun, 07 Apr 2024-8:41 pm,
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पितरों की मुक्ति के लिए क्षिप्रा नदी के घाटों पर तर्पण पूजा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचे. क्षिप्रा में स्नान के बाद लोगों ने सिद्धवट पर भगवान सिद्धनाथ की पूजा की और दुग्धाभिषेक भी किया.

 

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 बता दें कि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के महत्व के कारण इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान सिद्धनाथ का दुग्ध अभिषेक करने के लिए शिप्रा तट पर स्थित सिद्धवट मंदिर पहुंचते हैं.

 

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मंदिर के पुजारी ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धार्मिक नगरी उज्जैन में सिद्ध वट की स्थापना माता पार्वती ने की थी. यहां श्रद्धालुओं द्वारा वट वृक्ष पर दुग्धाभिषेक किया जाता है.

 

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पुजारी ने यह भी बताया कि देश में चार प्रमुख वट वृक्ष हैं, जिनमें सिद्धवट भी शामिल है. चतुर्दशी और अमावस्या पर देश भर से हजारों श्रद्धालु अपने पितरों की मुक्ति और शांति के लिए यहां पहुंचते हैं.

 

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सिद्धवट पर सुबह से ही भक्तों की कतार लगी हुई है. क्षिप्रा नदी में स्नान करने के बाद लोग भगवान सिद्धनाथ की पूजा कर रहे हैं और अपने पूर्वजों के लिए धार्मिक अनुष्ठान, तर्पण और अनुष्ठान भी कर रहे हैं.

 

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हालांकि, रविवार को छुट्टी होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु सिद्धवट पहुंचे थे, जिसके कारण पूरे दिन जाम लगा रहा.

 

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आपको बता दें कि शिप्रा नदी मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों में से एक है. इसके तट पर प्राचीन नगर उज्जैन स्थित है. इस नदी के तट पर प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ महापर्व का आयोजन होता है, जो सिंहस्थ महापर्व के नाम से प्रसिद्ध है.

 

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