इंदौरः कोरोना महामारी के इस दौर में आम लोग जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. महामारी में लोगों को खाना भी नहीं मिल पा रहा है. कोरोना कर्फ्यू के चलते लोगों को बाहर से भी खाना नहीं मिल पा रहा है. ऐसे मुश्किल समय में बचपन के स्कूल के दोस्त लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं. ये लोग जरूरतमंदों का पेट भर रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऐसे कर रहे मदद
लोगों की परेशानी देखते हुए बाल पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल के बचपन के दोस्त ऋतु छाबड़ा, गौरव राजपूत आदि ने लोगों को अपने मोबाइल नंबर देकर कहा कि अगर उन्हें खाने की जरूरत हो तो वह उनके नंबरों पर कॉल करके बता सकते हैं. 


भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, पहले ही दिन 100 लोगों ने मोबाइल पर कॉल करके खाना भेजने की अपील की. इसके बाद इन दोस्तों ने स्कूल के नाम पर  बीपीएचएस नाम से एक व्हाटसएप ग्रुप बना लिया और जुट गए लोगों की मदद करने के लिए. दीपक दरियानी नामक युवक ने अपनी फैक्ट्री का किचन दे दिया, जहां खाना बनाया जाता है. वहीं कुछ लोग अपने वाहनों से खाने का अलग-अलग जगह वितरण कर रहे हैं. 


कई अन्य संस्थाएं भी कर रहीं मदद
बता दें कि महामारी के इस संकट के समय में कई अन्य समाजसेवी संस्थाएं मदद के लिए आगे आ रही हैं. ऐसी ही एक संस्था है सहोदय सेवा जन कल्याण संस्था. यह संस्था लोगों को कोरोना की जरूरी दवाईयों की किट मुफ्त बांट रही है. जब लोगों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है. ऐसे में होम आइसोलेशन में रहते हुए संस्था की यह पहल काफी अहम साबित हो सकती है. 


इंदौर में 25 दिन में खर्च किए गए 18 करोड़ रुपए
इंदौर ने कोरोना काल में सेवा की अनूठी मिसाल पेश करते हुए सिर्फ 25 दिनों में विभिन्न सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 18 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं. खर्च की गई राशि से ऑक्सीजन कांस्ट्रेटर मशीनें खरीदी गई हैं, जो लोगों को मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं. इनके अलावा मास्क, सैनेटाइजर, मेडिकल किट, एंबुलेंस सेवा आदि सुविधाएं भी मुफ्त मुहैया कराई जा रही हैं.