सीधीः सीधी बस हादसे में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमे 22 स्टूडेंट हैं. इनमें अधिकतर छात्र नर्सिंग के बताए जा रहे हैं, जो एग्जाम देने के लिए सतना जा रहे थे. लेकिन उन्हें क्या पता था कि भविष्य बनाने की परीक्षा देने से पहले ही वे जिंदगी की परीक्षा में फेल हो जाएंगे. हादसे में बची एक छात्रा विभा प्रजापति का कहना है कि अगर उनका परीक्षा केंद्र सतना की जगह सीधी में होता तो शायद उनकी जान बच जाती.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एनटीपीसी और रेलवे का था एग्जाम
दरअसल, 16 फरवरी को रेलवे, एनटीपीसी और नर्सिंग का एग्जाम था. जिसके लिए सतना और रीवा में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. इसके अलावा नर्सिंग की छात्राओं का भी एग्जाम सतना में था. ऐसे में बस में अधिकतर छात्र शामिल थे. बताया जा रहा है कि परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचने के लिए छात्रों के कहने पर ड्राइवर ने बस का रूट बदल लिया, ताकि छात्र समय से परीक्षा में शामिल हो सके. लेकिन रूट बदलना ही इस हादसे की वजह बना.


ये भी पढ़ेंः सीधी बस हादसे की आंखों देखीः 'यात्रियों से भरी बस नहर में गिरते ही मच गई चीख-पुकार, मैं नहर में कूद पड़ी...


छात्रा ने कहा सीधी में होता सेंटर तो बच जाती जान
हादसे में नर्सिंग की एक छात्रा विभा प्रजापति को स्थानीय लोगों ने बचा लिया. उसका कहना है कि एग्जाम सेंटर पर जल्दी पहुंचने के लिए बस तेज रफ्तार से चल रही थी. स्टूडेंट के अलावा बस में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल थे, जब बस अचानक से नहर में गिरी तो ड्राइवर ने कहा कि अपनी जान बचा सकते हो तो बचा लो. छात्रा ने कहा देखते ही देखते लोग नहर में बहने लगे. बह खुद भी पानी में डूबने लगी, लेकिन तभी मौके पर पहुंचे लोगों ने उसे बचा लिया. 


सीधी बस हादसे में अब तक 22 छात्रों के शव मिल चुके हैं. 22 छात्रों में से कुछ की पहचान हो गई है, जबकि कुछ छात्रों की पहचान होना बाकी है. वहीं जिन-जिन छात्रों की पहचान होती जा रही है, उनके घर पर मातम छाया हुआ है. घटना में पुलिस का कहना है कि सभी छात्रों को शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा.


ये भी पढ़ेंः सीधी बस हादसे पर PM मोदी ने कही ये बात, केंद्र और राज्य ने किया इतने लाख मुआवजे का ऐलान


WATCH LIVE TV