नई दिल्लीः आजकल तनाव लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. कई बार यह तनाव डिप्रेशन की हद तक चला जाता है और व्यक्ति सुसाइड के बारे में सोचने लग जाता है. आजकल ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि अब इसे लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है. दरअसल एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि फॉलिक एसिड के सेवन से सुसाइड का खतरा काफी कम हो जाता है. JAMA साइकेट्री में बीते हफ्ते ही एक रिपोर्ट छपी है, जिसमें यह खुलासा हुआ है. 


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सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, साल 2020 में दुनियाभर में करीब एक करोड़ 20 लाख से ज्यादा लोगों ने सुसाइड के बारे में सोचा और इनमें से 12 लाख ने असल में आत्महत्या की कोशिश की. साल 2012 से 2017 के बीच करीब 8 लाख 70 हजार लोगों पर रिसर्च की गई. जिसमें पता चला कि जिन लोगों ने फॉलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा ली, उनमें आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने के 44 फीसदी कम मामले देखे गए.  


रिसर्च में पता चला है कि फॉलिक एसिड न्यूरोट्रांसमिटर्स जैसे सेरोटोनिन, नोरपिनएफरिन और बीडीएनएफ को बनाने में अहम भूमिका निभाता है. जिनसे दिमाग की काम करने की क्षमता बेहतर होती है. 


क्या है फॉलिक एसिड
फॉलिक एसिड बी टाइप का विटामिन है. जिन फूड आइटम में फॉलेट होता है, उनमें फॉलिक एसिड पाया जाता है. सब्जियों खासकर हरी पत्तेदार सब्जियों, जैसे पालक, हरी सरसों आदि में फॉलिक एसिड खूब पाया जाता है. इनके अलावा नट्स, बीन्स, संतरों में भी फॉलिक एसिड पाया जाता है. 


विशेषज्ञों के अनुसार, फॉलिक एसिड शरीर में सेल्स की काम करने की शक्ति और उनकी ग्रोथ में अहम भूमिका निभाता है. व्यक्ति को हर दिन 400 माइक्रोग्राम फोलेट की जरूरत होती है. वहीं गर्भवती महिलाओं में हर दिन 600 माइक्रोग्राम फॉलेट की जरूरत होती है. बता दें कि इंसानी मूड पर विटामिन्स के असर को लेकर पहले भी स्टडी की गई थी.