article 370: मोदी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, 370 खत्म करने का फैसला सही
Supreme court Decision on article 370: सुप्रीम कोर्ट से नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.
Supreme court Decision on article 370: सुप्रीम कोर्ट से नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.
वहीं पीडीपी यानी पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि उन्हें नजरबंद कर लिया है. हालांकि इस पर उप-राज्यपाल की प्रतिक्रिया भी आई है.
पीएम मोदी ने कही ये बात
उपराज्यपाल की आई प्रतिक्रिया
महबूबा मुफ्ती के बयान पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की हालांकि इस पर प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि नजरबंद की बात पूरी तरह से बेबुनिया है. किसी को भी हाउस अरेस्ट या राजनीतिक कारण से गिरफ्तार नहीं किया है.
आर्टिकल 370 हटने के 4 साल, 4 महीने और 6 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों (जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने फैसला सुनाया है.)
सुनिए सीजेआई ने क्या कहा--
सीजेआई ने कही बड़ी बातें
- भारत के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि - जब राष्ट्रपति शासन लागू होता है तो राज्यों में संघ की शक्तियों पर सीमाएं होती है.
- सीजेआई का मानना है कि अब ये मुद्दा प्रासंगिक नहीं है कि आर्टिकल 370 को निरस्त करने की घोषणा वैध थी या नहीं.
- फैसला सुनाते हुए सीजेआई ने कहा कि - आर्टिकल 370 एक अस्थाई प्रावधान था. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. जम्मू कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी.
- सीजेआई ने कहा कि जम्मू कश्मीर के संविधा में संप्रभुता का कोई जिक्र नहीं था. हालांकि भारत के संविधान की प्रस्तावना में इसका उल्लेख है. भारतीय संविधान आने पर अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर पर लागू हुआ था.
- सीजेआई ने कहा कि 370 को हटाने का अधिकार जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए है. असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ अपील में सुनवाई नहीं कर सकते.
- सीजेआई ने कहा 367 के तहत 370 फैसला रद्द नहीं किया जा सकता है.
- जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव के लिए कदम उठाएं जाए. ताकि सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव हो सकें.
- जस्टिस एसके कौल ने अपने फैसले में कहा कि- यह थोड़ा भावुक भी है. विद्रोह के कारण जनसंख्या के एक हिस्से का पलायन हुआ और स्थिति ऐसी बनी कि सेना बुलानी पड़ी और राष्ट्र को खतरों का सामना करना पड़ा. राज्य के लोगों ने इसकी भारी कीमत चुकाई और लोगों को पीढ़ी दर पीढ़ी आघात से गुजरना पड़ा है, राज्य को उपचार की आवश्यकता है.
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