ड्यूटी से गायब 18 डॉक्टर और महिला नर्सों के लिए अल्टीमेटम, 24 घंटे में काम पर नहीं लौटे तो होगा यह एक्शन
उज्जैन में कुछ डॉक्टरों ने ट्रेनिंग पूरी होने के बाद भी ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है.
उज्जैनः इस मुश्किल वक्त में जहां डॉक्टर की लोगों की सबसे बड़ी उम्मीद हैं. ऐसे वक्त में भी कुछ लोग अपना फर्ज निभाने से पीछे हट रहे हैं. उज्जैन में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद भी 18 डॉक्टरों ने नौकरी ज्वाइन नहीं की. इन डॉक्टरों को कई बार बुलाया गया लेकिन इन सभी ने माधव नगर अस्पताल में आज तक ड्यूटी ज्वाइन हीं की. जिसको लेकर उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी 18 नर्सों के खिलाफ नोटिस जारी कर 24 घंटे में माधव नगर अस्पताल में ज्वाइन होने के निर्देश दिए है. अगर सभी ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
कलेक्टर का आदेश
कलेक्टर ने सख्ती दिखाते हुए अपने आदेश में ये भी कहा की संकट के इस दौर में आगे बढ़कर सेवा के लिए लोग आगे आ रहे है ऐसे में जब फ्रंट लाइन वर्कर ही बहाने बनाएंगे तो कैसे काम चलेगा. अगर ये सभी अगले 24 घंटे में माधव नगर अस्पताल में अपनी नौकरी ज्वाइन नहीं करते है तो इनके खिलाफ विभागीय काईवाई और महामारी एक्ट में एफआईआर दर्ज की जायेगी. ये सभी डॉक्टर अपने कर्तव्य से भाग रहे है
माधव नगर अस्पताल में विभिन्न चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई है. इनमें से कुल 18 पुरूष व महिला नर्स द्वारा आज तक ड्यूटी जॉइन नहीं की गई है.
इन लोगों ने ज्वाइन नहीं की ड्यूटी
जिन कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी ज्वाइन नहीं की गई है उनमें नेहा टाक, अनिल वर्मा, अंजू मालवीय, अशोक कराड़ा, अशोक यादव, गोविंद राजपूत, जया खेरवार, ज्योति चौहान, ज्योति पंवार, कृष्णपाल सिंह, कमल बादल, शाहरूख खान, माधुरी व्यास, सुष्मिता सोलंकी, उमा सागर, अक्षय त्रिवेदी, रचना परमार और सरिता बचले शामिल हैं. इन लोगों को 24 घंटे का समय दिया गया है.
सख्ती के मूड में कलेक्टर
उज्जैन के माधव नगर कोविड अस्पताल में अभी हालत ये है की कुल 130 बेड की व्यवस्था है लेकिन यंहा पर मरीजों की की संख्या 145 तक पंहुच गयी है. इसके अलावा वे मरीज अलग है जो अस्पताल के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. पूरा अस्पताल इस समय मरीजों से भरा पड़ा है. हालांकि कई डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ के अलावा अन्य स्टाफ मुस्तैदी से मरीजों की जान बचाने में लगे हैं. लेकिन माधव नगर में नई पदस्थापना होने के बाद भी 18 पुरूष व महिला नर्स ने आज दिनांक तक ज्वाइन नहीं किया और अपनी सेवा और उस शपथ की परवाह किये बगैर आपातकाल के इस दौर में भी अपनी ड्यूटी ज्वाइन नहीं की. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अगर इस मुश्किल वक्त में डॉक्टर ही अपना फर्ज नहीं निभाएंगे तो कैसे काम चलेगा.
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