उमरिया: "जाको राखे साइयां मार सके ना कोई". जी हां, मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में यह मुहावरा सच साबित हुआ है. अब तक आपने सुना होगा कि पशु मालिक अपनी भैंसों की रक्षा दूसरे जंगली जानवरों से करते हैं, लेकिन इस बार कुछ उल्टा हुआ है. दरअसल मालिक को शिकारी बाघिन ने अपने जबड़ों में फंसा लिया था, लेकिन भैंसों ने अपने मालिक को बाघिन के चंगुल से छुड़ा लिया. 


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भैंसों ने बाघिन से पंगा लिया और उसको भगा कर अपने मालिक को नई जिंदगी दे दी. आपको बता दें कि यह अजीबो-गरीब वाकया बीते सोमवार दोपहर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पार्क में हुआ. पुलिस को इस घटना की सूचना मिलने के बाद घायल युवक को मानपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. उसके चेहरे पर दो टांके आए हैं, वहीं कंधे पर भी बाघिन के नाखून के गहरे निशान पाए गए हैं. 


रेंजर ने बयां कि कहानी
पनपथा रेंज के रेंजर पराग सेनानी ने बाघिन द्वारा युवक पर हमले की पूरी कहानी को बयां की. उन्होंने बताया कि कोठियां गांव के 26 साल के लल्लू यादव पेशे से किसान है. उसके पास कुछ गाय-भैंस भी हैं. वह रोजाना की तरह अपने मवेशियों को चराने ले जंगल आया था. तभी अचानक झाड़ियों में छिपी बाघिन ने उस पर हमला कर दिया. भला हो उसकी भैंसों का जिन्होंने बाघिन से लड़कर लल्लू की जिंदगी बचा ली.


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भैंसों की तेज आवाज से भागी बाघिन
बाघिन के हमले से बचे लल्लू का कहना है कि वह दोपहर 3 बजे भैंसों को पानी पिलाकर लौट रहा था. अचानक बाघिन ने पीछे से उप पर हमला कर दिया. उसने लल्लू के गाल और कंधे पर पंजा मारा जिससे वह जमीन पर गिर गया. बाघिन ने उसको अपने जबड़े में जकड़ना चाहा. लल्लू के मुताबिक उसे लगा कि अब वह जिंदा नहीं बच पाएगा. तभी उसकी भैंसें  दौड़ते हुए बीच में आ गईं और बाघिन से भिड़ गईं. बाघिन लल्लू को छोड़कर भाग गई.


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