Vallabh Bhawan Fire: राजधानी भोपाल के सचिवालय वल्लभ भवन में लगी आग पर करीब 5 घंटे में काबू पाया गया. सुबह करीब 10 बजे लगी इस आग में कई रिकॉर्ड जल कर स्वाहा हो गए. वहीं आग पर काबू पाने के लिए एयरफोर्स और सीआईएसएफ की भी मदद ली गई. इस आग में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना की कई फाइलें जलकर भी खाक हो गई. 


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बता दें कि दमकल की करीब 50 से ज्यादा गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हुई थी लेकिन वल्लभ भवन की गोपनीय शाखा करीब 5 घंटे से धधकती रही. ये आग भी तब बुझी जब सारे गोपनीय दस्तावेज खाक हो चुके थे. जानकारी के मुताबिक सीएम स्वेच्छानुदान की सभी फाइलें भी खाक हो गईं. ये फाइलें पिछली सरकार के कार्यकाल की थी. 


मॉकड्रिल के17 दिन बाद आग
वल्लभ भवन में आग तीसरी मंजिल पर लगी थी, लेकिन तेज हवा के कारण फैली आग देखते ही देखते चाैथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल पर भी पहुंच गई थी. आपको जानकार हैरानी होगी कि वल्लभ भवन में आग लगने से पहले 21 फरवरी को यहां मॉकड्रिल की गई थी. जिसके ठीक 17 दिन बाद ही यहां आग लगती है, और सब कुछ जल जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि मंत्रालय की सुरक्षा टीम ने ही पांचवीं मंजिल पर मॉकड्रिल की थी. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि यह महज एक संयोग है या प्रयोग? खैर, इस आग के पीछे कारण शॉर्ट-सर्किट बताया जा रहा है.


जांच के लिए समिति बनाई गई 
वहीं सीएम मोहन यादव ने इस आग की घटना को लेकर जांच के लिए 7 सदस्यीय समिति का गठन किया है. इसमें अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव संजय दुबे, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग केपी आहूजा, अतिरिक्त महानिदेशक अग्नि शासन आशुतोष राय, आयुक्त भोपाल पवन शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरिनारायणचारी मिश्र शामिल हैं.



कांग्रेस ने बताया करप्शन की आग
वहीं वल्लभ भवन की आग को लेकर कांग्रेस ने जमकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षजीतू पटवारी ने कहा कि यह करप्शन की आग है. मंत्रालय वल्लभ भवन में लगी आग को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा सरकार बताए कि इसका दोषी कौन है? यह भ्रष्टाचार के पाप को छुपाने की आग है. हर चुनाव के पहले मंत्रालय में आग लगना और करोड़ों के भ्रष्टाचार के दस्तावेज खाक होना संयोग नहीं है.


रिपोर्ट- प्रमोद शर्मा