XPoSAT Launching News: नए साल के मौके पर ISRO अपना नया मिशन X-ray Polarimeter Satellite, XPoSat को लांच करने जा रहा है. यह मिशन सिर्फ भारत का पहला डेडिकेटिज पोलारिमेट्री मिशन ही नहीं, बल्कि 2021 में लॉन्च किए गए नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) के बाद दुनिया का दूसरा है. इस मिशन के जरिए isro अंतरिक्ष में एक्स-रे स्रोतों के तीव्र ध्रुवीकरण की जांच करेगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1 जनवरी को लॉन्च होगा नया मिशन
1 जनवरी को इसरो बड़ा तोहफा देने जा रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने घोषणा की है कि एक्सपोसैट (XPoSat) मिशन पोलर सैटेलाइट लॉ़न्च व्हीकल (पीएसएलवी) का उपयोग करके सुबह 9:10 बजे लॉन्च होगा. XPoSat, 1 जनवरी 2014 को लॉन्च होगा और ये भारत का पहला polarimetry mission होगा.


न्यूट्रॉन तारों की जांच करेगा मिशन
यह मिशन एक्स किरणों का डेटा कलेक्ट करके ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों की स्टडी करेगा. XPoSat सेटेलाइट का लक्ष्य ब्रह्मांड में 50 सबसे चमकीले ज्ञात स्रोतों का अध्ययन करना है, जिसमें पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बायनेरिज़, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, न्यूट्रॉन सितारे और गैर-थर्मल सुपरनोवा अवशेष शामिल हैं. यह स्पेक्ट्रोस्कोपिक और टाइमिंग डेटा को ध्रुवीकरण की डिग्री और कोणसे जोड़ देगा.


 XPoSAT को 500-700 किमी की गोलाकार निचली पृथ्वी कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इसका जीवनकाल कम से कम 5 वर्ष का होगा. XPoSat सेटेलाइट का लक्ष्य ब्रह्मांड में 50 सबसे चमकीले ज्ञात स्रोतों का अध्ययन करना है. इस मिशन के जरिए isro अंतरिक्ष में एक्स-रे स्रोतों के तीव्र ध्रुवीकरण की जांच करेगा. 


यह भी पढ़ें: Ayodhya Mein Siya Ram: प्राचीन काल में इन नामों से भी जानी जाती थी अयोध्या, जानिए नाम से जुड़ी धार्मिक मान्यता


 


सफल लैंडिंग हुई थी चंद्रयान-3 की
भारत का मिशन चंद्रयान-3 23 अगस्त, 2023 को सफल लैंडिंग किया था.  23 अगस्त शाम 5.45 बजे लैंडिंग हुई थी. हालांकि लैंडिंग में कई चुनौतियां भी थी. पहली चुनौती लैंडर की रफ्तार को नियंत्रित रखना. दूसरा लैंडर उतरते समय सीधा रहे. बता दें कि विक्रम जिस समय उतरेगाउस समय उसकी गति 2 मीटर प्रति सेकेंड थी.