राहुल राठौर/उज्जैनः उज्जैन में आज जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपए की जमीन पर बनीं 200 अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया. सुरक्षा के लिए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा. बता दें कि उज्जैन में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत क्षिप्रा घाट, अर्बन फोरेस्ट, हॉकर जोन, गार्डन, पार्किंग आदि का निर्माण किया जाना है. इसके लिए शहर में सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माणों को हटाया जा रहा है. 


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हाई कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर को भी 10 गुना बड़ा करने की योजना पर काम चल रहा है. जिसमें महाकाल मार्ग में आने वाले तमाम अवैध मकानों और दुकानों को ध्वस्त करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था. अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि जो लोग अतिक्रमण वाले इलाके में बसे हुए हैं, पहले उन्हें सूचना दी जाए और मकान खाली करने के लिए 45 दिन का वक्त दिया जाए. 


इसी के तहत जिला प्रशासन ने पहले अतिक्रमण करने वाले लोगों को नोटिस दिया और मकान या दुकान खाली करने के लिए 45 दिन का समय दिया. गुरुवार को 45 दिन हो गए थे. ऐसे में शुक्रवार को सुबह ही जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई शुरू कर दी. बता दें कि प्रशासन ने पौने दो हेक्टेयर जमीन पर बनी अवैध दुकानों को हटाया. इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपए में है. निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश अनुसार, 45 दिन पहले दुकानें खाली करने का नोटिस दिया गया था. इसके बावजूद दुकानें खाली नहीं हुई तो यह कार्रवाई की गई. 


बता दें कि सिंहस्थ क्षेत्र में आने वाली पौने दो हेक्टेयर जमीन की कीमत करोड़ों रुपए में है. ये जमीन सांवेर रोड के नजदीक स्थित है और यहां से नीलगंगा थाना 50 मीटर की दूरी पर स्थित है. जहां से अतिक्रमण हटाया गया, उस इलाके को बेगम बाग भी कहा जाता है. यह इलाका महाकाल मंदिर, चिंतामण गणेश, हरिसिद्धि, क्षिप्रा घाट, बड़नगर और इंदौर-उज्जैन मार्ग को आपस में जोड़ता है. जिन दुकानों को हटाया गया, उनमें डेंटिंग पेंटिंग और गैरेज थे. 


अतिक्रमण हटाने के दौरान भारी भीड़ रही और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी. उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट का आदेश है कि महाकाल मंदिर क्षेत्र के 500 मीटर के दायरे में तमाम अवैध मकानों और दुकानों को ध्वस्त किया जाए.