Azadi ka Amrit Mahotsav: 1857 की क्रांति में भाग लेने वाली पहली महिला कैसे बनी बेगम हजरत महल

Fri, 12 Aug 2022-12:54 pm,

Azadi ka Amrit Mahotsav 2022: आजादी के 75 साल की 75 कहानियों में आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी महिला योद्धा के बारे में जिसे कहा जाता है कि वह 1857 की क्रांति में भाग लेने वाली पहली महिला थी. मैं बात कर रहा हूं "बेगम हजरत महल" की साल 1820 ई. में अवध प्रांत के फैजाबाद जिले के एक छोटे से गांव में बेहद गरीब परिवार में जन्मी बेगम हजरत महल का बचपन का नाम मोहम्मद खानम था. वह इतनी गरीब थी कि अपना पेट पालने के लिए उन्हें राजशाही घरानों में डांस करना पड़ा जहां उन्हें एक और नाम मिला. महक परी का. एक दिन की बात है रोज की तरह मोहम्मद खानम राजशाही घराने में डांस कर रही थी. इसी दौरान अवध के नवाब की नजर उनपर पड़ी और वह उनकी खुबसूरती के कायल हो गए. फिर क्या था नवाब ने मोहम्मद खानम को अपने शाही हरम में शामिल कर लिया और उन्‍हें अपनी बेगम बना लिया. जिसके बाद उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया. बेटे का नाम रखा बिरजिस कादर. अवध घराने में वारिस आने की खुशी में अवध के नवाब ने मोहम्मद खानम को अवध की बेगम हजरत महल का दर्जा दिया और फिर उस दिन से मोहम्मद खानम हजरत महल बन गई. तो यह कहानी थी उस लड़की की जिसने अपना बचपना गरीबी में काटा लेकिन किस्मत ने ऐसी करवत बदली कि उसे अवध की हजरत महल बना दिया...

More videos

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link