छत्तीसगढ़: श्रमिक परिवारों को मिलेगा 200 दिनों का रोजगार
छत्तीसगढ़ के सूखा प्रभावित 96 तहसीलों में मनरेगा श्रमिक परिवारों को 200 दिनों का रोजगार मिलेगा. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार के प्रस्ताव परविभिन्न जनपद पंचायतों में 50 अतिरिक्त दिनों के रोजगार की स्वीकृति प्रदान की है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के सूखा प्रभावित 96 तहसीलों में मनरेगा श्रमिक परिवारों को 200 दिनों का रोजगार मिलेगा. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव पर सूखाग्रस्त घोषित 96 तहसीलों की विभिन्न जनपद पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 50 अतिरिक्त दिनों के रोजगार की स्वीकृति प्रदान की है. इसे मिलाकर राज्य में मनरेगा के तहत पंजीकृत परिवारों को वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल 200 दिनों का रोजगार दिया जा सकेगा. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इसके लिए केन्द्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है.
केंद्रीय विकास मंत्रालय ने दी प्रस्ताव को मंजूरी
राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर ने बताया कि राज्य सरकार ने मनरेगा के तहत पंजीकृत श्रमिक परिवारों को वर्तमान में एक वित्तीय वर्ष में 150 दिनों तक रोजगार देने का प्रावधान पहले ही कर दिया था. राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की सूखाग्रस्त घोषित 96 तहसीलों के अंतर्गत 93 जनपद पंचायतों में ग्रामीणों को राहत दिलाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार को 50 अतिरिक्त दिनों के रोजगार का प्रस्ताव भिजवाया था. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव को मंजूर करने के बाद इन तहसीलों में मनरेगा के तहत पंजीकृत परिवारों को उनकी मांग के अनुसार 200 दिनों तक रोजगार दिया जाएगा.
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राज्य में अब तक मिला 22 लाख मानव दिवस का रोजगार
चंद्राकर ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद ने यहां अपने कार्यालय से इस संबंध में संबंधित जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को परिपत्र जारी कर दिया है. उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत राज्य शासन द्वारा पूरे राज्य में 50 अतिरिक्त दिनों के रोजगार की व्यवस्था को मिलाकर अब तक ग्रामीणों को 22 लाख मानव दिवस का रोजगार दिया जा चुका है.