व्यापमं घोटाले के आरोपी ने थामा कांग्रेस का दामन, फजीहत होने पर पार्टी ने किया किनारा
बढ़ते विवाद के बीच प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने इन खबरों को खारिज किया है कि राहुल की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामने वाले बीजेपी नेताओं में गुलाब सिंह किरार भी शामिल थे.
इंदौर: 28 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनावों से ऐन पहले एक बड़े सियासी पालाबदल के तहत मंगलवार को किरार समुदाय के वरिष्ठ नेता गुलाब सिंह किरार, बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपस्थिति में किरार कांग्रेस में शामिल हुए. लेकिन इसके साथ ही सूबे के प्रमुख विपक्षी दल के लिये बेहद असहज स्थिति उत्पन्न हो गई क्योंकि किरार व्यापमं घोटाले के आरोपियों में शामिल हैं. इस घोटाले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ बीजेपी पर तीखे हमले कर रहे हैं.
लिहाजा बढ़ते विवाद के बीच प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने इन खबरों को खारिज किया है कि राहुल की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामने वाले बीजेपी नेताओं में किरार भी शामिल थे. ओझा ने कहा, "किरार को फिलहाल कांग्रेस में शामिल नहीं किया गया है." हालांकि प्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल (आईएनसीएमपी) पर मंगलवार को बाकायदा फोटो के साथ ट्वीट करते हुए किरार के पार्टी में शामिल होने की जानकारी दी थी. हालांकि, बाद में इस ट्वीट को हटा लिया गया था.
MP: कैलाश विजयवर्गीय ने बेटे आकाश के लिए मांगा टिकट, बोले- नेता-पुत्र होना बुरा नहीं
वहीं, भाजपा ने भी किरार से दूरी बना ली है. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, "निलंबन के बाद किरार को तय प्रक्रिया के तहत भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था. अब किरार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद इस दल की हकीकत सबके सामने आ गई है."
इस बीच, व्यापमं घोटाले के व्हिसलब्लोअर डॉ. आनंद राय ने कहा कि चुनावी बेला में किरार के कांग्रेस के पाले में आने से व्यापमं घोटाले के अहम मुद्दे पर सूबे के प्रमुख विपक्षी दल का पक्ष कमजोर हुआ है. लेकिन इस घोटाले के आरोपियों को गले लगाने में सत्तारूढ़ बीजेपी भी पीछे नहीं है. उन्होंने कहा, "खुद शिवराज ने व्यापमं घोटाले के अन्य आरोपी और प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के साथ पिछले दिनों एक चुनावी सभा में मंच साझा किया था."
MP चुनाव 2018: प्रोफेसरों द्वारा चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) से जुड़े घोटाले का खुलासा वर्ष 2013 में हुआ था. यह मामला गिरोहबाजों, अधिकारियों और सियासी नेताओं की कथित सांठ-गांठ से राज्य सरकार की सेवाओं और पेशेवर पाठ्यक्रमों में उम्मीदवारों के गैरकानूनी प्रवेश से जुड़ा है.
कांग्रेस में 'घर वापसी'
इन सबके बीच मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी पर पिछड़ा वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व से वंचित रखने का आरोप लगाते हुए गुलाब सिंह किरार ने बुधवार को दावा किया कि उन्होंने भाजपा छोड़ते हुए कांग्रेस में "घर वापसी" कर ली है. किरार ने कहा, "कुछ साल पहले मैं कांग्रेस में ही था. शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद मैं भाजपा में शामिल हो गया था. मैंने मंगलवार को कांग्रेस में घर वापसी करते हुए इस पार्टी को बिना शर्त अपना समर्थन दे दिया है. मैं आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जिताने के लिये जुटूंगा."
CM शिवराज से रिश्तेदारी
गौरतलब है कि गुलाब सिंह किरार प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदार हैं. शिवराज सरकार ने किरार को मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग में सदस्य बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया था. हालांकि, व्यापमं घोटाले में आरोपी बनने के बाद जुलाई 2015 में किरार को भाजपा की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था. व्यापमं घोटाले के आरोपियों में शामिल किरार पर वर्ष 2011 में आयोजित प्री-पीजी परीक्षा में फर्जीवाड़े के जरिये अपने बेटे शक्ति प्रताप सिंह किरार का एक मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने का आरोप है.
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में किरार समुदाय का असर
भाजपा से "मोहभंग" का सबब पूछे जाने पर किरार ने आरोप लगाया कि सूबे में इस दल की 15 वर्षीय सरकार में किरार समुदाय और पिछड़े वर्ग की अन्य जातियों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला. मोटे अनुमान के मुताबिक मध्य प्रदेश में किरार समुदाय की आबादी 15 लाख के आस-पास है. इस समुदाय के मतदाता खासकर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बड़ा असर रखते हैं.
(इनपुट: एजेंसी भाषा से भी)