छत्तीसगढ़ के इन मंदिरों में हर हिंदू को एक बार जरूर जाना चाहिए
Abhay Pandey
Aug 08, 2024
इतिहास और नेचर है खास
छत्तीसगढ़ भारत में ऐसा राज्य है जो अपने इतिहास और नेचर की खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में मशहुर है.
भक्तों की भीड़
यहां के मंदिरों के दर्शन के लिए लोग देश के कोने-कोने से आते हैं.
पाताल भैरवी मंदिर
राजनांदगांव में जमीन के नीचे 15 फीट की गहराई में मां पाताल भैरवी का दरबार है. जो आकर्षण का केंद्र है. तीसरी मंजिल पर भगवान शिव की एक मूर्ति है और यहां देशभर में स्थित 12 ज्योर्तिलिंग की छवि भी बनाई गई हैं.
दंतेश्वरी मंदिर
बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी दंतेवाड़ा में है. दंतेश्वरी शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है. यहां पर मध्य भारत का सबसे बड़ा जोत कलश भवन बनाया जायेगा. यहां साल में तीन नवरात्र मनाई जाती हैं. जिसमें हजारों भक्तों की भीड़ माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
महामाया मंदिर
ये मंदिर देवी दुर्गा और महालक्ष्मी का है. जो रतनपुर में स्थित है. भारत में फैली 52 शक्तिपीठों में से ये एक शक्तिपीठ है. यहां नवरात्रि के समय की जाने वाली पूजा का लाभ जरूर मिलता है.
भोरमदेव का मंदिर
सावन के समय मंदिर को सजाया जाता है. मंदिर की दीवारों पर बनाए गए दृश्य कोणार्क के सूर्य मंदिर और खजुराहो के मंदिरों के समान हैं. जो लोगो के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को चित्र से दिखाते हैं. इन चित्रों में प्रेम, संबंध, और दैनिक जीवन की झलकियां शामिल है. भक्तगण यहां नर्मदा का जल लेकर जलाभिषेक करते हैं.
हटकेश्वर महादेव मंदिर
हटकेश्वर महादेव मंदिर खारुन नदी के किनारे स्थित है. नदी के जल से शिवलिंग का सहस्त्राभिषेक किया जाता है. सावन के समय शिवलिंग का अलग-अलग देवों के रूप में श्रृंगार होता है. जिसे देखने के लिए लोग लंबी कतार में लगते हैं.