Ganesh Chaturthi 2023: इस गणेश चतुर्थी जरूर करें देश के इन प्रसिद्ध 10 गणपति मंदिरों के दर्शन

Zee News Desk
Sep 13, 2023

सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

वर्ष 1801 में स्थापित यह भव्य गणेश मंदिर, यहां के गणेश को नवसाचा गणपति भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है यदि आप वास्तव में कुछ चाहते हैं तो वह मिलती है.

खजराना गणेश मंदिर, इंदौर

यह मंदिर मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर ने बनाया था, ज्यादातर बुधवार एवं रविवार को बड़ी संख्या मे लोग दर्शन करने के लिए आते हैं और ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा करने पर सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

रणथंभौर गणेश मंदिर, राजस्थान

यह भारत का 1000 साल पुराना माने जाने वाला गणेश मंदिर है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी रुक्मिणी ने अपने विवाह के दौरान इस मंदिर से आशीर्वाद मांगा था.

डोडा गणपति मंदिर, बेंगलुरु

भगवान गणेश के इस प्राचीन मंदिर का नाम डोडा गणपति मंदिर है. कन्नड़ में डोडा का मतलब बड़ा होता है. खास बात है कि इस मंदिर में भगवान गणेश जी की प्रतिमा काले रंग के एक ही ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरी गई है. इस मंदिर का इतिहास टीपू सुल्तान से भी जुड़ा हुआ है.

बड़ा गणपति मंदिर, इंदौर

इंदौर में स्थित बड़ा गणपति मंदिर, जिसका नाम बड़ा गणपति इसलिए है क्योंकि इस मंदिर में भगवान गणेश की लगभग 25 फीट ऊंची एक विशाल मूर्ति है, जो दुनिया में भगवान गणेश की सबसे बड़ी मूर्ति है. ऐसा माना जाता है कि इस मूर्ति के निर्माण के लिए इस्तेमाल की गई मिट्टी सात पवित्र शहरों अयोध्या, मथुरा, कांची, माया, अवंतिका, वाराणसी और द्वारका से लाई गई थी.

चिंतामन गणपति, उज्जैन

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर स्थित है. मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी. यहां दर्शन करने वाले व्यक्ति की सभी चिंताएं खत्म हो जाती है . बुधवार के दिन सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है.

गणेश टोक मंदिर, गंगटोक, सिक्किम

यह जमीन से 6500 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं. यहां से पूरे गंगटोक शहर का नजारा दिखता हैं. यहां से राजभवन परिसर का नजारा दिखता हैं . वहां के लोगों का मानना है कि खुद गणेश भगवान आकर वहां विराजमान होंगे.

डोडीताल का मंदिर, उत्तराखंड

उत्तराखंड के डोडीताल में एक ताल हैं जिसे भगवान गणेश की जन्‍मस्‍थली माना जाता है. यहां पर माता अन्नपूर्णा का भी मंदिर है. इसके कपाट गर्मी के लिए खुलते हैं और ठंड में बंद रहते हैं.

मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर

250 वर्ष से अधिक पुराना, इस मंदिर का निर्माण साल 1761 में हुआ था. माना जाता है कि इस मंदिर में जो मूर्ति है वो करीब 500 साल पुरानी है. महाशिवरात्रि पर भक्त मंदिर में शिवलिंग की पूजा भी करते हैं. यह जयपुर शहर से लगभग 6 किमी दूर है और राजस्थान का प्रसिद्ध गणेश मंदिर है.

श्रीमंत दगदूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, पुणे

यहां 7.5 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी विशाल गणपति मूर्ति को सोने के आभूषणों से सजाया गया है. ऐसा माना जाता है कि मिठाई बेचने वाले दगडूशेठ गाडवे ने अपने बेटे को महामारी में खो दिया था. बच्चे को खोने के बाद दुखी और निराश होकर उन्होंने यह गणेश मंदिर बनवाया था. लोकमान्य तिलक ने यहीं से गणेश उत्सव की शुरुआत की थी.

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