देश भर में नए साल को लेकर जमकर तैयारियां चल रही है, इसी बीच हम आपको बताने जा रहे हैं कैफ भोपाली की कुछ शायरियों के बारे में जो आप अपने को भेज सकते हैं, इससे आपका दिल भी खुश हो सकता है.
इधर आ
इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूं,
मिरा इश्क़ बेमज़ा था तेरी दुश्मनी से पहले.
दाग़ दुनिया
दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले,
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले.
झूम के
झूम के जब रिंदों ने पिला दी, शैख़ ने चुपके चुपके दुआ दी,
एक कमी थी ताजमहल में, मैंने तेरी तस्वीर लगा दी.
नया ज़ख़्म
इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली,
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले.
चैन से रखना
कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर,
और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया.
छीन कर लाए
हम उनको छीन कर लाए हैं कितने दावेदारों से,
शफ़क़ से चाँदनी-रातों से फूलों से सितारों से.
आँख मिलाते
आप तो आँख मिलाते हुए शरमाते हैं,
आप तो दिल के धड़कनों से भी डर जाते हैं.
हमें मौत ने मारा
सच है मोहब्बत में हमें मौत ने मारा,
कुछ इस में तुम्हारी भी ख़ता है कि नहीं है.