राहत इंदौरी की इन शायरियों के दीवाने हैं लोग

Abhinaw Tripathi
Dec 30, 2024

Rahat Indori

अक्सर देखा जाता है कि प्रेम में पड़े हुए लोग शायरियां सुनना पसंद करते हैं, बहुत लोगों का प्रेम में दिल टूट जाता है और कुछ लोग एक तरफा मोहब्बत करते हैं, ऐसे लोगों को हम बताने जा रहे हैं राहत इंदौरी की शायरियों के बारे में जो उनके बेहद काम आ सकती है.

बीमार

बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए, मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए.

चांद सूरज

चांद सूरज मिरी चौखट पे कई सदियों से, रोज़ लिक्खे हुए चेहरे पे सवाल आते हैं.

न हम-सफ़र

न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा, हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा.

शाख़ों से

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम, आंधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे.

ये हवाएं

ये हवाएँ उड़ न जाएँ ले के काग़ज़ का बदन दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो

मुसाफ़िर

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे, कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते.

धड़कन

रात की धड़कन जब तक जारी रहती है, सोते नहीं हम ज़िम्मेदारी रहती है.

जान के दुश्मन

हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते हैं, मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं

दीवार न उठे

मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे, मिरे भाई मिरे हिस्से की ज़मीं तू रख ले.

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