बुद्ध की ताकत के आगे हारे सम्राट अशोक, इस युद्ध के बाद छोड़ी तलवार
Apr 22, 2024
History of Emperor Ashoka
भारतीय इतिहास काफी ज्यादा समृद्धि शाली है, इतिहास में कई कहानियां है जो लोगों को रोमांचित करती है. आप भी अगर इतिहास में इतिहास में थोड़ी सी दिलचस्पी रखते हैं तो ये खबर आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.
हृदय परिवर्तन
इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं सम्राट अशोक के हृदय परिवर्तन के बारे में. इतिहास में सम्राट अशोक के हृदय परिवर्तन को लोग आज भी याद रखते हैं.
कलिंग युद्ध
दरअसल एमपी की सीमा से लगे कलिंग में अशोक और कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन के बीच युद्ध हुआ.
1 लाख सैनिक
इस युद्ध में लगभग 1,00,000 सैनिक मारे गए और कलिंग के 1,50,000 सैनिकों को राजा अशोक ने बंदी बना लिया.
पांचवां प्रांत
इस युद्ध को जीतने के साथ ही अशोक ने कलिंग को मगध साम्राज्य का पांचवां प्रांत बना लिया, हालांकि ये युद्ध इतिहास में नया अध्याय लिख दिया.
खून ही खून
इस युद्ध के बाद जहां तक सम्राट अशोक की निगाहें जाती थी वहां तक उसे खून ही खून नजर आता था.
छोड़ी तलवार
इस रक्तपात को देखकर अशोक का हृदय परिवर्तन हो गया और उसने युद्ध के मैदान में अपनी तलवार छोड़ दी और कभी भी युद्ध न करने का फैसला किया.
बिगड़ती हालत
कलिंग की बिगड़ती हालत,खून, तड़प और आंसुओं को देखते हुए सम्राट अशोक निराशा से भर गए और अहिंसा के मार्ग को चलने के फैसले के साथ बौद्ध धर्म की तरफ बढ़ गए.
बौद्ध धर्म का प्रचार- प्रसार
युद्ध के बाद अशोक बौद्ध धर्म के अनुयायी बन गए और बौद्ध धर्म का प्रचार- प्रसार करने लगे, उन्होंने हिमालय से सीलोन और ग्रीस से बर्मा तक बौद्ध का प्रचार- प्रसार किया.