इंदौर का राजवाड़ा महल पर्यटन के लिहाज से इंदौर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है.
राजवाड़ा होलकर राजवंश के शासकों की ऐतिहासिक हवेली है. इस महल का निर्माण लगभग 200 साल पहले हुआ था
सिर्फ 4 लाख में बना
राजवाड़ा का निर्माण 1833 में चार लाख रुपये की लागत से मल्हारराव होलकर ने कराया था.
बहुत खूबसूरत है राजवाड़ा
राजवाड़ा इतना खूबसूरत है कि आज तक यह महल पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण रखता है. जितना ये बाहर से खूबसूरत है, उतना ही अंदर से भी खूबसूरत है.
वास्तुकला देखने लायक
राजवाड़ा महल की वास्तुकला फ्रेंच, मराठा और मुगल शैली के कई रुपों व वास्तु शैलियों का मिश्रण है.
7 मंजिल का महल है राजवाड़ा
इस महल के नीचे की तीन मंज़िलें पत्थर से और ऊपर की चार मंज़िल ईंट और लकड़ी से बनाई गई हैं.
राजवाड़ा का भव्य द्वार आकर्षित
राजवाड़ा महल का प्रवेश द्वार बहुत बड़ा और भव्य है. महल की बड़ी-बड़ी खिडकियां, बालकनी, गलियारे होलकर शासकों और उनकी भव्यता का प्रमाण है.
गणेश हॉल भी महल में
राजवाड़ा महल में एक बड़ा से हॉल है, जिसे गणेश हॉल कहा जाता था. जहां पर विशेष आयोजन होते थे. आज यहां पर आर्ट एक्ज़िबिशन और क्लासिकल म्यूज़िक कॉनसर्ट होते हैं.
दो बार राजवाड़ा में लगी आग
दौलतराव सिंधिया के ससुर सरजेराव घाडगे ने यशवंत राव होलकर को सबक सिखाने के उद्देश्य से राजवाड़ा में आग लगा दी थी.
सिख दंगों के दौरान भी लगी आग
इसके बाद दूसरी बार 1984 के दंगों के दौरान राजवाड़ा के पिछले हिस्से में आग लग गई थी.