इंदौर से 50 KM दूर यहां बिताएं बारिश के लम्हें, मिलेगी कुछ खास फीलिंग

Abhay Pandey
Jun 23, 2024

मालवा पठार

मालवा पठार अपनी जलवायु के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इसका गौरव नदियों, झरनों और हरियाली से सजी विंध्याचल पर्वत श्रृंखला है.

ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विरासत

विंध्याचल पर्वत इतिहास और आध्यात्मिकता से समृद्ध हैं, जो सदियों से इतिहासकारों और आध्यात्मिक साधकों को आकर्षित करते रहे हैं.

प्रकृति का संगम

बता दें कि महू-मंडलेश्वर मार्ग पर इंदौर से 50 किमी दूर स्थित जाम गेट नाम का एक स्थान प्रकृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का मिश्रण प्रस्तुत करता है.

बरसात का सौंदर्य

बरसात के मौसम में जाम गेट के नाम से मशहूर इस स्थान की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है.

पर्यटकों के लिए क्या है खास?

जाम गेट फोटोशूट, वीडियोग्राफी, पर्यटन और खाने के आनंद के लिए लोकप्रिय है.

प्राचीन मरम्मत

प्राचीन तरीकों का उपयोग करके गेट की छत, फर्श और दीवारों की मरम्मत की गई थी.

ऐतिहासिक निर्माण

अहिल्याबाई होल्कर द्वारा 1747 में निर्मित यह द्वार मालवा-निमाड़ सीमा पर जाम गांव में स्थित है.

परिवर्तन की कहानी

अहिल्याबाई ने डाकू गणपतराव को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया और उसके लूटे हुए धन से द्वार बनवाया था.

सुंदर दृश्य

इस स्थान से नर्मदा नदी, पहाड़ों से आती धूप और बरसात के मौसम में कोहरे की चादर का नजारा दिखता है. तलहटी में हरियाली के कई रंग दिखाई देते हैं.

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