52 शक्तिपीठों में से एक है मां चंद्रहासिनी, मंदिर को लेकर ये है खास मान्यता

Ranjana Kahar
Jul 13, 2024

जांजगीर- चांपा

छत्तीसगढ़ के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक मां चंद्रहासिनी मंदिर जांजगीर चांपा जिले में स्थित है.

चंद्रपुर की छोटी से पहाड़ी

यह मंदिर चंद्रपुर में चित्रोत्पला गंगा महानदी के तट पर स्थित एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है.

महानदी और मांड

महानदी और मांड नदियों के बीच स्थित चंद्रपुर में मां दुर्गा के 52 शक्तिपीठों में से एक मां चंद्रहासिनी का मंदिर है.

चंद्रहासिनी देवी

ऐसा माना जाता है कि मां चंद्रहासिनी देवी को उनके चंद्रमा के समान गुणों के कारण चंद्रहासिनी और चंद्रसेनी मां के नाम से जाना जाता है.

108 दीपक

सिद्ध शक्तिपीठ मां चंद्रहासिनी देवी के मंदिर में हर साल नवरात्रि के दौरान महाआरती के साथ 108 दीपक जलाकर पूजा की जाती है.ऐसा माना जाता है कि यहां भक्त जो भी मांगते हैं, उनकी मनोकामना पूरी होती है.

बलि चढ़ाने की परंपरा

मां चंद्रहासिनी मंदिर में बलि चढ़ाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही थी. कहा जाता है कि यहां हर साल 1000 से 1500 बकरों की बलि दी जाती थी.

हालांकि मंदिर बोर्ड पर दी गई जानकारी के मुताबिक चंद्रहासिनी मंदिर ट्रस्ट ने बलि प्रथा पर रोक लगा दी है.

भव्य मूर्तियां

मंदिर में अर्धनारीश्वर, हनुमान जी, कृष्ण लीला, चीरहरण, महिषासुर वध, चार धाम, नवग्रह सर्व धर्म सभा, शेषनाग और अन्य देवी-देवताओं की भव्य मूर्तियां मौजूद हैं.

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