गांधारी का श्राप ले डूबी थी द्वारका! कृष्ण की नगरी का हुआ था ये हश्र

Abhinaw Tripathi
Jun 08, 2024

Krishna Story

भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी कई कहानियां प्रसिद्ध हैं. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं प्रभु श्री कृष्ण की द्वारका नगरी समुद्र में कैसे समा गई थी.

भगवान श्री कृष्ण वृंदावन छोड़ने के बाद मथुरा में जाकर बस गए थे.

मथुरा में जरासंध से परेशान होकर प्रभु श्री कृष्ण ने समुद्र के बीचो- बीच द्वारका नगरी बसाई.

यहां से भगवान श्री कृष्ण राज चलाने लगे और बढ़ते हुए समय के साथ द्वारकाधीश कहलाए.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत के 36 वर्ष बाद द्वारका नगरी समुद्र में डूब गई थी. इसकी कई वजहें सामने आती हैं.

गांधारी का श्राप

कहा जाता है कि गांधारी ने श्री कृष्ण को महाभारत का दोषी माना था और श्राप दिया था कि जिस तरह मेरे कुल का नाश हुआ तुम्हारा भी नाश होगा.

समा गई द्वारका

इस श्राप की वजह से भगवान की नगरी उनकी आंखों के आगे समुद्र में समा गई. इसके अलावा ऋषियों का श्राप भी वजह माना जाता है.

बच्चों का मजाक

कहा जाता है कि एक बार ऋषि नारद, कण्व द्वारका गए यहां पर स्नान कर रहे थे, इसी दौरान कुछ लड़के कृष्ण के पुत्र सांब को लेकर ऋषियों के पास पहुंचे.

ऋषियों का श्राप

ऋषियों को बताया कि ये गर्भवती स्त्री है, इसके गर्भ में पल रहे बच्चे का क्या नाम होगा, इससे क्रोधित होकर ऋषियों ने श्राप दिया.

लड़ेंगे यदुवंशी

ऋषियों ने कहा कि इसके गर्भ से मुसल उत्पन्न होगा और उस मुसल से समस्त यदुवंशी कुल का विनाश होगा. इसकी वजह से यदुवंशी आपसे में लड़ने लगे.

यहां पर धार्मिक ग्रंथों के आधार पर दी गई है. इससे अधिक जानकारी के लिए आप धार्मिक ग्रंथों का सहारा ले सकते हैं.

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