इन मंत्र, विधी और भोग से नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की पूजा

Shyamdatt Chaturvedi
Oct 17, 2023

शारदीय नवरात्रि

शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चलेगी. जिसमें 9 दिनों तक माते के 9 रूपों की पूजा की जाएगी.

नवरात्रि का चौथा दिन

18 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाएगी. आइये जानें मां के मंत्र और भोग

सृष्टि का सृजन

देवी कूष्मांडा दुर्गा का वह स्वरूप है जिनकी मंद मुस्कान से सृष्टि ने सांस लेना आरंभ किया, यानी इस सृष्टि का सृजन हुआ है.

माता का रूप

मां की एक भुजा में बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल, कमंडल और दूसरी में सिद्धियों और निधियों से युक्‍त माला होता है. इनकी सवारी सिंह है.

बीज मंत्र

ऐं ह्री देव्यै नम:

प्रार्थना मंत्र

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च, दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे

स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

भोग

मां कूष्मांडा को गुड़हल या गुलाब चढ़ा कर मालपुए और दही हलवे का भोग लगाएं. इससे देवी प्रसन्न होती है.

माता का प्रताप

मां कुष्मांडा की पूजा से संकट और विपदा से आजादी मिलती है. साथ ही माता भक्तों के मोक्ष पाने का रास्ता साफ करती है.

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