महाभारत का युद्ध पांडवों को जिताने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने पूरा जोर लगा दिया था, इस दौरान उन्होंने छल का भी सहारा लिया था. आइए जानते हैं उसके बारे में.
चलवाया बाण
महाभारत के युद्ध के लिए बर्बरीक ने शिव की आराधना करके तीन बाण प्राप्त किया था. जिसे भगवान ने ब्राह्मण का भेष रखकर पत्तों पर चलवा दिए थे.
वरदान में सिर
इसके अलावा श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से दान में उसका सिर मांग लिया था. जिसके बाद बर्बरीक को शक हुआ तो भगवान उनके सामने प्रकट हुए.
कर्ण से छल
महाभारत के युद्ध में कर्ण ने‘नागास्त्र’ का प्रयोग किया गया. लेकिन प्रभु ने उसके रथ को धंसा दिया. इसके बाद उसने बाण न चलाने का आग्रह किया लेकिन प्रभु ने छल से अर्जुन से बाण चलवा कर मरवा दिया.
सूर्यास्त करना
अर्जुन ने सूर्यास्त से पहले जयद्रथ को मारने का संकल्प लिया था. ऐसा न करने पर आत्मदाह का संकल्प लिया था. तब प्रभु ने छल से बादल आसमान पर ला दिया था.
जयद्रथ वध
इसी दौरान अर्जुन के आत्मदाह की खबर फैल गई.जयद्रथ और दुर्योधन प्रसन्नता से उछल पड़े. अर्जुन से प्रभु बोले दुश्मन सामने खड़ा है वध कर दो.
द्रोणाचार्य से छल
ऐसे ही प्रभु महाभारत के युद्ध में युधिष्ठिर को द्रोणाचार्य से झूठ बोलने के लिए प्रेरित करते हैं और तब कृष्ण ने गुरु द्रोण से कहा की अश्वत्थामा मर गया.
द्रोणाचार्य का वध
इसे सुनकर द्रोणाचार्य जमीन पर गिर गए , इस मौके का फायदा उठाते हुए धृष्टद्युम्न ने द्रोणाचार्य का वध कर दिया.
यहां पर धार्मिक ग्रंथों के आधार पर दी गई है. इससे अधिक जानकारी के लिए आप धार्मिक ग्रंथों का सहारा ले सकते हैं.