द्वापर युग में पांडवों और कौरवों की दुश्मनी काफी विख्यात थी. कौरवों के तरफ से कर्ण अर्जुन को मारने की कसमें खाते थे, जबकि अर्जुन कर्ण को रणभूमि में सुलाने की बात करते थे. आइए जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने कर्ण का वध किस बाण से किया था.
कुरुक्षेत्र
महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ था. इस युद्ध में कौरव और पांडव आमने सामने थे.
अर्जुन और कर्ण
इस युद्ध में अर्जुन और कर्ण के बीच हुए युद्ध को आज भी याद रखा जाता है.
बाणों की वर्षा
युद्ध भूमि में लड़ते हुए अर्जुन और कर्ण एक दूसरे पर बाणों की वर्षा कर दी.
कर्ण का कवच
अर्जुन की तरफ से चलाए गए एक बाण की वजह से कर्ण का कवच टूट गया.
रुद्रास्त्र शक्ति
युद्ध भूमि में लड़ते हुए अर्जुन ने एक भयंकर बाण को चलाया जो रूद्रास्त्र शक्ति का एक अंश था.
धंसा पहिया
इस बाण की चपेट में आने से कर्ण के रथ का एक पहिया जमीन में धंस गया.
निहत्था कर्ण
अर्जुन के एक और बाण के प्रयोग के बाद कर्ण निहत्था हो गया. इसके बाद अर्जुन को कृष्ण ने कहा पार्थ अब यही समय है इसका वध कर दो.
अंजलिक अस्त्र
अर्जुन ने मौका देखते हुए अंजलिक अस्त्र से कर्ण के गर्दन पर तीर मारा, इससे कर्ण का सिर धड़ से अलग हो गया.
यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं पर आधारित है. इसे जुड़ी ज्यादा जानकारी आप धर्मग्रंथो के माध्यम से ले सकते हैं.