कम नंबरों से घबराएं नहीं, आपके अंदर जोश भर देंगी ये शायरियां

Apr 24, 2024

फैज अहमद फैज

दिल ना उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है लम्बी है गम की शाम मगर शाम ही तो है

जिगर मुरादाबादी

हम को मिटा सके ये जमाने में दम नहीं हम से जमाना खुद है जमाने से हम नहीं

अमीर कजलबाश

मेरे जुनूंन का नतीजा जरूर निकलेगा इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा

असगर गोंडवी

चला जाता हूं हंसता खेलता तूफान से अगर आसानियां हों जिंदगी दुखी हो जाए

माहिर उल कादरी

ये कह के दिल ने मेरे हौसले बढ़ाए हैं गमों की धूप के आगे खुशी के साए हैं

इरफान सिद्दीकी

रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चिराग कम से कम रात का नुकसान बहुत करता है

सय्यद सादिक हुसैन

तू समझता है मुसीबतें हैं सताने के लिए ये हुआ करते हैं आजमाने के लिए

अख्तर शीरानी

इन्हीं गम की घटाओं से खुशी का चाँद निकलेगा अंधेरी रात के पर्दे में दिन की रौशनी भी है

जावेद अख्तर

क्यों डरें जिन्दगी में क्या होगा, कुछ ना होगा तो तजरूबा होगा

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