बिलासपुर में है एक ऐसा मंदिर, जहां जाकर मिलती है मन को शांति

Ranjana Kahar
Jul 25, 2024

महामाया मंदिर

छत्तीसगढ़ में स्थित रतनपुर का महामाया मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है.

धार्मिक और ऐतिहासिक

यहां देवी महामाया शक्ति के रूप में प्रमाणित रूप में विद्यमान हैं. यह धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है.

महाराज रत्रदेव

कहा जाता है कि देवी महामाया का प्रथम अभिषेक और पूजन रत्नपुर में कलिंग के राजा रत्रदेव ने 1050 में किया था. आज भी उनके किलों के अवशेष यहां देखे जा सकते हैं.

अंग तथा आभूषण

महामाया शक्तिपीठ के दर्शन का अपना अलग महत्व है. यहां भगवान सती के शरीर के अंगों और आभूषणों की पूजा की जाती है.

मन्नत

मान्यता है कि जो भक्त यहां भोलेनाथ के लिंग के साथ भगवती महामाया की भक्ति भाव से पूजा करते हैं वे इस लोक में सभी सुखों का भोग कर शिवलोक में स्थान प्राप्त करते हैं.

भक्तों का तांता

वैसे तो यहां साल भर श्रद्धालु आते रहते हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां विशेष आयोजन होते हैं.

मंदिर का निर्माण

आदिशक्ति मां महामाया देवी का मंदिर करीब 1000 साल पुराना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसका निर्माण 11वीं सदी में राजा रत्रदेव प्रथम ने कराया था.

काल भैरव मंदिर

ऐसा कहा जाता है कि महामाया मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को अपनी यात्रा पूरी करने के लिए काल भैरव मंदिर में पूजा करनी होती है.

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