National Ramayana Festival: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव मनाया जा रहा है. भगवान राम की महिमा किसी से छिपी नहीं है, उनकी नम्रता उनका बड़प्पन इंसान को आदर्श राहों पर चलने का रास्ता दिखाती है. भगवान राम को जब 14 वर्षों का वनवास मिला तो वो देश के कई हिस्सों में गए.. यहां जानिए उनके जीवन से जुड़ी 10 पौराणिक बातें.

Zee News Desk
Jun 01, 2023

भगवान राम का जन्म उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ था. सूर्य वंश में जन्में भगवान राम को गुरू वशिष्ट और गुरु विश्वामित्र के द्वारा शिक्षा दी गई थी.

भवान राम विष्णु के 10 अवतारों में 7 वें अवतार थे, इन्होंने धरती का उद्धार करने अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट दशरथ के घर पर जन्म लिया था.

भगवान राम को मानव रूप में पूजे जाने वाले सबसे पुराने देवता के रूप में जाना जाता है, क्योंकि भगवान राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था और ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग की समाप्ति आज से 1,296,000 साल पहले हो चुकी है.

भगवान राम का जन्म “इक्ष्वाकु” वंश में हुआ था जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र “राजा इक्ष्वाकु” ने की थी. इसी कारण भगवान राम को “सूर्यवंशी” भी कहा जाता है.

भगवान राम का नामकरण रघुवंशियों के गुरू महर्षि वशिष्ठ ने किया था. वशिष्ठ के अनुसार “राम” शब्द दो बीजाक्षरों “अग्नि बीज” और “अमृत बीज” से मिलकर बना है, ये अक्षर दिमाग, शरीर और आत्मा को शक्ति प्रदान करते हैं.

भगवान राम को उनकी माता कैकेयी बेहद दुलार करती थी, लेकिन मंथरा के बहकावे में आकर उन्होंने भगवान को चौदह वर्ष के लिए वन भेज दिया.

भगवान राम देश के कई जगहों पर अपने वनगमन के दिन बिताएं, उन्हीं में से वे छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में भी गए.

भरतपुर तहसील के जनकपुर में स्थित सीतामढ़ी-हरचौका को उनका पहला पड़ाव माना जाता है. कहा जाता है कि मवाई नदी के किनारे स्थित सीतामढ़ी-हरचौका की गुफा में 17 कक्ष हैं. इसे सीता की रसोई के नाम से भी जाना जाता है.

छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में भगवान राम का ननिहाल है. चंदखुरी श्री रामचन्द्र का मामा गांव है. रामलला को छत्तीसगढ़ में भांचा (भांजा) मानकर पूजा जाता है.

रावण के भाई अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण किया था और महामाया देवी को बलि देने के लिए उन्हें पाताल लोक ले गए थे, लेकिन बजरंग बली ने उस समय भगवान राम की सहायता की थी.

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