धरमजयगढ़ की बंजारी माता क्यों कहलाती है छत्तीसगढ़ की वन देवी

Shyamdatt Chaturvedi
Apr 22, 2024

बंजारी माता

रायगढ़ के धरमजयगढ़ के सिसरिंगा में मां दुर्गा विभिन्न रूपों में विराजमान हैं. इस स्थान को बंजारी माता मंदिर

मान्यता

कहा जाता है माता एक बच्ची के रूप में एक बारात से सामने सड़क पर मिली था. उठाने पर उसने देवी का रूप ले लिया.

कैसे बना मंदिर

कंवर समाज के बारात से माता ने इसी स्थान पर मंदिर बनवाने की बात कही. तभी से यहां मंदिर है.

इन रूपों में होती है पूजा

चंद्रपुर, नाथलदाई, बंजारी एवं अम्बेटिकरा की मां की बड़ी बहन के रुप में माता की पूजा की जाती है.

प्रतिरूप का मंदिर

माता का असली मंदिर पहाड़ पर है, लेकिन रास्ता नहीं होने के कारण उनका प्रतिरूप नीचे स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है.

दावा ये भी है

पहाड़ पर एक शेर की गुफा है, जहां आज भी कभी-कभी शेर को देखा जाता है.

वन देवी

लोगों का कहना है कि बगधरा जंगल में माता कन्या के रूप में है और वो गांव की रक्षा करती है. इस लिए उसे वन देवी भी कहा जाता है.

कैसे पहुंचे

यह स्थान नेशनल हाइवे 43 पर स्थित है. जशपुर मार्ग ये धर्मजयगढ़ से 10 किमी दूर है. रायगढ़, सरगुजा व जशपुर सड़क मार्ग से आ सकते हैं.

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