मेनोपॉज एक नैचुरल जीवन प्रक्रिया है जो सामान्य रूप से 45 से 55 साल की आयु की महिलाओं में होती हैं.
इसमें महिलाओं के Reproduction करने की क्षमता का समापन होता है.
महिलाएं मीनोपॉज से 5-10 साल पहले पेरिमेनोपॉज के लक्षणों का अनुभव कर सकती है.
मेनोपॉज, इसके लक्षणों और महिलाओं के स्वास्थ्य पर जानकारी प्रदान करना हैं.
मेनोपॉज और उम्र के साथ-साथ होने वाली परेशानियों से अवगत करना.
मेनोपॉज के बाद, किसी महिला के जीवन में कई शारीरिक, हार्मोनल और इमोशनल परिवर्तन ला सकता हैं.
शारीरिक और इमोशनल बदलाव का कारण जिसमें वजन बढ़ना, चेहरे पर बाल आना या बढ़ना शामिल हो सकता है.
पीरियड्स का आना-जाना खत्म हो जाता है. इसका मतलब ही ये होता है कि महिला अब प्रेगनेंट नहीं हो सकती हैं.
हार्मोन स्तरों में परिवर्तन के कारण, ओस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ सकता है.
महिलाओं के भावनात्मक स्थिति में परिवर्तन हो सकता है, जिससे वे आक्रामक या उदास हो सकती हैं
मासिक धर्म के समय ज्यादा शारीरिक तकलीफ और दर्द बढ़ सकता है.