Vat Savitri Vrat 2023: वट साबित्री का व्रत की हिंदू धर्म में काफी ज्यादा मान्यता है. इस दिन सुहागिनें पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रहती है और वट वृक्ष की पूजा करती हैं. क्यों की जाती है वट वृक्ष की पूजा जानें यहां.
Zee News Desk
May 18, 2023
वट साबित्री के अवसर पर महिलाएं बरगद के पेड़ की परिक्रमा करती हैं. ऐसा करके पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वट वृक्ष के छाल में विष्णु, जड़ों में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव जी विराजमान होते हैं.
ब्रह्मा-विष्णु-महेश यानि की तीन देवताओं की वजह से इसे देव वृक्ष भी कहा जाता है. इसलिए महिलाएं इस वृक्ष की पूजा करती हैं.
वट वृक्ष को लेकर कहा जाता है कि इसे दीर्घायु का पूरक माना जाता है. इसके नीचे मांगी गई सभी मन्नतें पूरी होती हैं.
बरगद के पेड़ के नीचे 5 घी का दीपक जलाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
वट साबित्री के व्रत के दिन वट वृक्ष की पूजा करने से मानसिक तनाव और बीमारी से छुटकारा मिलता है.
वट वृक्ष की पूजा करने से संतान प्राप्ति में आने वाली दिक्कतें दूर होती हैं.
वट साबित्री व्रत के मौके पर रक्षा सूत्र, रोली, अक्षत सवा मीटर कपड़ा सहित कई चीजें बरगद के पेड़ पर चढ़ाई जाती हैं.
इस बार वट साबित्री व्रत का शुभ मुहूर्त आज रात 9 बजकर 42 मिनट से लेकर कल यानि की 19 मई शुक्रवार रात 9 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.