Why ED summoned Sanjay Raut: महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर जारी घमासान के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग और उनकी पत्नी, परिचितों और परिवार के सदस्यों से जुड़ी अन्य वित्तीय गतिविधियों को लेकर पूछताछ के लिए मंगलवार को तलब किया.


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'गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाऊंगा'


ईडी के समन पर संजय राउत की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मुझे गिरफ्तार करो'. उन्होंने आगे कहा कि मुझे अभी पता चला कि ईडी ने मुझे तलब किया है. अच्छा! महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हैं. हम, बालासाहेब के शिवसैनिक, एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं. यह मुझे रोकने की साजिश है. अगर आप मेरा सिर भी काट देंगे, तो भी मैं गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाऊंगा. मुझे गिरफ्तार करो! जय हिंद!


संजय राउत की पत्नी से भी हो चुकी है पूछताछ


अप्रैल में ईडी ने इसी जांच के तहत राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके दो सहयोगियों की 11.15 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था.कुर्क की गई संपत्तियां संजय राउत के सहयोगी और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक प्रवीण एम राउत के पास पालघर, सफले (पालघर में शहर) और पड़घा (ठाणे जिले में) के पास जमीन के रूप में हैं. ईडी ने एक बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों में मुंबई के दादर में वर्षा राउत का एक फ्लैट और अलीबाग में किहिम बीच पर आठ प्लॉट शामिल हैं, जो संयुक्त रूप से वर्षा राउत और सुजीत पाटकर की पत्नी स्वप्ना पाटकर के पास हैं. ईडी के मुताबिक, सुजीत पाटकर संजय राउत के करीबी सहयोगी हैं.


महाराष्ट्र सियासी संकट


बता दें कि शिवसेना बीते कई दिनों से अपने बागी विधायकों के विद्रोह से जूझ रही है. इस संघर्ष ने महाराष्ट्र के महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के अस्तित्व को संदेह में डाल दिया है. गुवाहाटी में शिवसेना के बागी सांसदों ने सूरत से लाए जाने के बाद अस्थायी कैंप लगाया है.


क्या है पात्रा चॉल मामला?


ईडी ने पहले कहा था कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पात्रा 'चॉल' के पुनर्विकास में शामिल था, जिसमें महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) से संबंधित 47 एकड़ में 672 किरायेदार थे. गुरु आशीष हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सहायक कंपनी है. पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में करीब 4,300 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में ईडी और कुछ अन्य एजेंसियां ​​एचडीआईएल की जांच कर रही हैं.


जानें क्या है पूरा मामला


ईडी ने कहा कि गुरु आशीष ने चॉल को फिर से विकसित करने के लिए किरायेदारों और म्हाडा के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया था. समझौते के अनुसार ईडी ने कहा कि डेवलपर को 672 किरायेदारों को फ्लैट प्रदान करना था और म्हाडा के लिए फ्लैट विकसित करना था. इसके बाद, शेष क्षेत्र को डेवलपर द्वारा बेचा जाना था. गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के निदेशकों ने म्हाडा को गुमराह किया और नौ डेवलपर्स को एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) बेचने में कामयाब रहे और 672 विस्थापित किरायेदारों और म्हाडा हिस्से के लिए पुनर्वसन हिस्से का निर्माण किए बिना लगभग 901.79 करोड़ रुपये एकत्र किए.


कोरोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप


इस रियल्टी कंपनी ने मीडोज नाम से एक प्रोजेक्ट भी लॉन्च किया और फ्लैट खरीदारों से करीब 138 करोड़ रुपए की बुकिंग ली. आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों द्वारा किए गए अपराध की कुल आय अवैध गतिविधियों के माध्यम से लगभग 1,039.79 करोड़ रुपये थी. अपराध की आय का एक हिस्सा करीबी सहयोगियों को स्थानांतरित कर दिया गया था. अब तक की गई ईडी की जांच में पाया गया कि एचडीआईएल से प्रवीण राउत के खाते में करीब 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे.


कई साल पुराना है मामला


इस राशि को प्रवीण राउत ने अपने करीबी सहयोगियों, परिवार के सदस्य, उनकी व्यावसायिक संस्थाओं आदि के विभिन्न खातों में 'डायवर्ट' किया था. 2010 के दौरान, 83 लाख रुपये की अपराध की आय का हिस्सा संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को प्रत्यक्ष / परोक्ष रूप से प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी प्रवीण राउत से मिला था. एजेंसी ने आरोप लगाया कि इस राशि का उपयोग वर्षा राउत ने दादर पूर्व में फ्लैट खरीदने के लिए किया था. ईडी की जांच में पाया गया कि 55 लाख रुपये की राशि वर्षा राउत ने माधुरी राउत को वापस ट्रांसफर कर दी थी. कई अन्य लेनदेन भी हैं.


पिछले साल भी हुई थी पूछताछ


एजेंसी ने पिछले साल वर्षा राउत से पीएमसी बैंक मामले और प्रवीण राउत की पत्नी के साथ उनके कथित संबंधों के बारे में पूछताछ की थी. जांच में पाया गया कि वर्षा संजय राउत और माधुरी प्रवीण राउत अवनी कंस्ट्रक्शन में भागीदार हैं और वर्षा राउत को इस इकाई से केवल 5,625 रुपये के योगदान पर 12 लाख रुपये (ऋण में परिवर्तित पूंजी के रूप में) प्राप्त हुए हैं.


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