कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राजनीतिक दलों का एक वर्ग और यहां तक कि संवैधानिक पदों पर आसीन लोग अपने ''खतरनाक बयानों'' के जरिये अफवाह और नफरत फैला रहे हैं. साथ ही, उन्होंने इसे ''शर्मनाक राजनीति'' करार दिया. ममता ने ट्वीट कर कहा, ''राजनीतिक दलों/समूहों का एक वर्ग संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों के साथ खतरनाक बयानों के जरिए अफवाह और नफरत फैला रहा है.'' 


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उन्होंने कहा, ''यहां तक कि पत्रकारों को भी नहीं बख्शा गया. यह शर्मनाक राजनीति है. हम किस तरह की दूषित राजनीति देख रहे हैं.'' पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा और जम्मू कश्मीर से वस्तुओं की खरीददारी सहित हर कश्मीरी चीज का बहिष्कार करने के आह्वान का मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय द्वारा समर्थन किए जाने के एक दिन ममता का यह बयान आया है. ममता ने इससे पहले बीजेपी और आरएसएस पर पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया था. 


उन्होंने पुलवामा हमले के समय को लेकर सोमवार को सवाल उठाते हुए पूछा था कि क्या सरकार उस वक्त युद्ध करना चाहती है जब लोकसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं. गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार ने पठानकोट आतंकी हमले के बाद कुछ नहीं किया और यह अब चुनाव से पहले युद्धोन्माद पैदा करना चाहती है. 


(इनपुट भाषा से)