Mani Shankar Ayyar book: मणिशंकर अय्यर के 'कड़वे' बोल यानी PM मोदी के ऊपर किए गए निजी हमले हों या उनकी लिखी किताबें बीजेपी (BJP) के लिए कई मायनों में लकी तो कांग्रेस के लिए अनलकी साबित हुई हैं. 2024 चुनावी साल है. अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. ऐसे में एक बार फिर मणिशंकर अय्यर की किताब की जोरशोर से चर्चा हो रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर का कहना है कि ताला खोलने के पीछे अरुण नेहरू का हाथ था.


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राजीव गांधी के नाम का बचाव


अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अय्यर ने लिखा, 'बाबरी मस्जिद का ताला खोलने को लेकर राजीव गांधी को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, बल्कि कांग्रेस को दोषी ठहराया जाना चाहिए. ताले खोले गए और बड़ी संख्या में हिंदू तीर्थयात्री, जो जानबूझकर इकट्ठा किए गए थे, अंदर आ गए. अय्यर ने अनुमान लगाते हुए कहा कि अगर राजीव गांधी जीवित होते और नरसिम्हा राव की जगह प्रधानमंत्री होते, तो बाबरी मस्जिद अभी भी वहीं खड़ी होती. बीजेपी को उचित जवाब दिया गया होता और उन्होंने भी वैसा ही कोई समाधान निकाला होता जो सुप्रीम कोर्ट से सालों बाद निकाला.  


मणिशंकर अय्यर ने फिर किया कांग्रेस के लिए सेल्फ गोल?


मणिशंकर अय्यर 22 जनवरी के राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के फैसले की सराहना की. अय्यर ने जगरनॉट द्वारा प्रकाशित अपनी पुस्तक "द राजीव आई न्यू एंड व्हाई ही वाज़ इंडियाज मोस्ट मिसअंडरस्टूड प्राइम मिनिस्टर" (The Rajiv I Knew and Why he was India's Most Misunderstood Prime Minister) के लॉन्च पर बोलते हुए एक बार फिर अपनी वफादारी गांधी परिवार के लिए दिखाते हुए जो कहना था कह दिया है. पूरा देश राममय है और प्राण प्रतिष्ठा से दो दिन पहले अय्यर ने बाबरी राग छेड़कर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.