All Party Meeting in Delhi on Manipur Violence: मणिपुर के हालात पर चर्चा के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई. यह बैठक आज शाम 3 बजे दिल्ली में होगी. बैठक में इस बात पर मंथन होगा कि मणिपुर में सामान्य स्थिति लाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए. मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू होने के बाद सरकार की ओर से यह पहली आधिकारिक सर्वदलीय बैठक है. इस बैठक से पहले विपक्षी पार्टियों की ओर से कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. 


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ओवैसी ने निकाला सांप्रदायिक एजेंडा


AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी इस बैठक (All Party Meeting on Manipur Violence) में भी सांप्रदायिक एजेंडा निकालने से बाज नहीं आए. ओवैसी ने कहा, 'देश के पीएम कहते हैं कि मुल्क में भेदभाव नहीं होता है. मणिपुर में 300 चर्च को जला दिया गया. वहां के DGP को हटा दिया गया और आप कहते हैं कि भेदभाव नहीं है. मणिपुर भेदभाव की बेहतरीन मिसाल बन चुका है. अगर यह भेदभाव नहीं है तो क्या है.' 


सीएम अशोक गहलोत ने साधा निशाना


राजस्थान के सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने भी इस सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting on Manipur Violence) को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सीएम गहलोत ने कहा, 'मणिपुर में 100 लोग मारे गए और ये लोग (भाजपा) कर्नाटक में प्रचार करते रहे. चुनाव जीतने के लिए किसी ने परवाह नहीं की.  जब तक आप समस्या को गंभीरता से नहीं लेंगे और प्रदेश वासियों को संदेश नहीं दोगे कि सरकार गंभीर है, तब तक स्थिति बिगड़ती जाएगी. सरकार में ऐसे लोग हैं, जिन्हें गंभीरता का एहसास नहीं है.' 


राज्य में 3 मई से भड़की हुई है हिंसा


बता दें कि मणिपुर के हिंदू मैतेई समुदाय (Meitei community) को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के मांग के खिलाफ 3 मई को राज्य में हिंसा भड़क गई थी. उस दिन राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी और नागा लोगों ने आदिवासी एकता मार्च निकाला था. इस मार्च के बाद बड़ी संख्या में पहाड़ी इलाके में बसे मैतेई समुदाय के घरों पर हमले किए गए. इसकी प्रतिक्रिया में इंफाल वैली में बसे नागा और कुकी समुदाय (Kuki community) के लोगों के घरों पर भी हमले हुए. 


अब तक 115 से ज्यादा लोगों की मौत


दोनों ओर से चल रही इस हिंसा में अब तक करीब 115 लोग मारे गए हैं और 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. हालात सुधारने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने मणिपुर का दौरा कर सभी प्रभावित समुदायों के लोगों से मुलाकात कर शांति स्थापित करने की अपील की थी. हिंसा रोकने के लिए राज्य में आर्मी, असम राइफल्स समेत केंद्रीय पुलिस बलों की कई कंपनियां भी तैनात की गई हैं. इसके बावजूद हिंसा का चक्र अब भी जारी है. 


कई जिलों में लगा हुआ है इंटरनेट बैन


हिंसा (Manipur Violence Latest Update) से बचने के लिए सैकड़ों लोग सीमा पार करके दूसरे राज्यों में चले गए हैं. वहीं हिंसा का फैलाव रोकने के लिए सरकार ने कई जिलों में इंटरनेट पर बैन लगा रखा है. सरकार ने इस हिंसा की तह में जाने के लिए सीबीआई और न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. सरकार के निर्देश के बाद सीबीआई ने 9 जून को रिपोर्ट दर्ज कर एसआईटी का गठन कर दिया है. वहीं सरकारी निर्देश के बाद गुवाहाटी हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा ने भी जांच शुरू कर दी है.