Manipur Violence Updates: मणिपुर की `आग` कब बुझेगी? आज फिर हो गईं 13 मौतें
Manipur Violence Latest Updates: मणिपुर में पिछले 8 हफ्ते से भड़की हिंसा की आग सोमवार को और सुलग गई. दो उग्रवादी समूहों के बीच हुई फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई.
Firing Between Militant Groups in Manipur: कुछ हफ्तों की शांति के बाद मणिपुर एक बार फिर सुलग पड़ा है. राज्य के तेंगनौपाल जिले में सोमवार को उग्रवादियों के दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें कम से कम 13 लोगों के मारे जाने की खबर है. घटना के बाद से इलाके में तनाव पसरा हुआ है और हिंसा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. हालात कंट्रोल करने के लिए जिले में सुरक्षाबलों की तादाद बढ़ाई गई है. साथ ही दोनों समूहों से जुड़े उग्रवादियों की तलाश शुरू कर दी गई है.
सोमवार दोपहर लीथू गांव में हुई घटना
अधिकारियों के मुताबिक उग्रवादी गुटों में गोलीबारी (Manipur Violence Updates) की यह घटना सोमवार दोपहर तेंगनौपाल जिले के लीथू गांव में हुई. मामले से जुड़े अफसरों ने बताया, ‘म्यांमार जा रहे उग्रवादियों के एक समूह पर इलाके में दबदबा रखने वाले उग्रवादियों के दूसरे समूह ने घात लगाकर हमला किया. इस हमले में म्यांमार जा रहे उग्रवादियों को जवाब देने का मौका नहीं मिल पाया और उसके कई लोग मारे गए.’
अब तक मिले 13 लोगों के शव
पुलिस अफसरों के अनुसार, मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों (Manipur Violence Updates) को अब तक 13 उग्रवादियों के शव मिले हैं. फिलहाल मारे गए लोगों की पहचान नहीं हो पाई है लेकिन ऐसा लग रहा है कि वे स्थानीय नहीं थे. तेंगनौपाल जिले की सीमा म्यांमा से लगती है और दोनों देशों के बीच कोई तारबंदी नहीं है. जिसकी वजह से वहां के उग्रवादियों का चोरी-छुपे आना-जाना लगा रहता है.
3 मई से भड़की हुई है हिंसा
बताते चलें कि इंफाल हाईकोर्ट ने मणिपुर (Manipur Violence Updates) के मैतेई समाज के लोगों को एसटी का दर्जा देने का प्रस्ताव केंद्र को भेजने का आदेश दिया था. इसके बाद 3 मई को राज्य में हिंसा भड़क गई थी. पहाड़ों में रहने वाले कुकी समाज के लोगों ने आदिवासी एकता मार्च निकाला, जिसके बाद वहां रहने वाले मैतेई समाज के घरों को लूटकर उसमें आग लगा दी गई. साथ ही कई लोगों को मारा भी गया.
दोनों पक्षों में भरोसे का अभाव
इस घटना की प्रतिक्रिया इंफाल घाटी (Manipur Violence Updates) में हुई, जहां पर कुकी समाज के लोगों के घरों को जलाकर निर्दोष लोगों को मारा गया. तब से पूरा मणिपुर राज्य जातीय तौर पर आपस में बंटा हुआ है और रुक-रुककर हिंसा भड़क रही है. केंद्र सरकार दोनों समुदायों में बातचीत के जरिए बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में जुटी हुई है. हालांकि अभी तक उसे इस काम में कामयाबी नहीं मिल पाई है.
(एजेंसी भाषा)