मणिपुर: बेटी सदमे में है, पति-बेटे को मार दिया, गांव जला दिया; निर्वस्त्र की गई महिला की मां ने सुनाई आपबीती
Violence In Manipur: मणिपुर में फैली जातीय हिंसा का शिकार हुई पीड़िता की मां ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने हिंसा रोकने और लोगों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. बता दें कि पीड़िता की मां अब भी सदमे से बाहर नहीं आई है.
Manipur Viral Video: जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर से एक वीभत्स वीडियो वायरल हुआ. वायरल वीडियो में भीड़ द्वारा दो लड़कियों को नग्न करके घुमाते हुए देखा जा सकता है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पूरा देश सकते में आ गया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. एनडीटीवी के हवाले एक खबर आ रही है कि पीड़िता की मां इस घटना से अब तक बाहर नहीं निकल पाई है. पीड़िता की मां इस हालत में है कि वह इस मामले पर कुछ भी बोल नहीं पा रही है. महिला का आरोप है कि मणिपुर सरकार ने हिंसा रोकने और लोगों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
सदमे में है पीड़िता की मां
पीड़िता की मां ने कहा कि हिंसक भीड़ ने उनके पति और बेटे को मार डाला. महिला ने बताया कि मैतेई और कुकी जनजाति के झड़पों के बीच उनकी बेटी को कैमरे के सामने परेड कराया और उससे गंदे तरीके से छेड़छाड़ की. गौरतलब है कि इस घटना के वायरल होने के बाद गिरफ्तारियों का सिलसिला चला और 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर 11 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया है.
मां ने की मीडिया से की बात
महिला ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि उन्होंने मणिपुर के इस दंगे में अपने सबसे छोटे बेटे को खो दिया. उनका छोटा बेटा उनकी उम्मीद था. महिला ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद थी कि वह 12वीं कक्षा पूरी कर लेगा. महिला से इस हैवान भीड़ ने उनके पति को भी छीन लिया. महिला का बड़ा बेटा फिलहाल बेराजगार है. इसलिए, पूरे परिवार का भविष्य अब उनके कंधे पर है.
राज्य सरकार पर लगाया आरोप
आपको बता दें कि अब तक मणिपुर में बड़े पैमाने पर हिंसा की घटना दर्ज की गई हैं. इस हिंसा की आग में 120 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. महिला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसके पास कोई उम्मीद नहीं है कि वो घर वापस लौट सके. महिला ने आगे बताया कि हैवान भीड़ ने उनके घर में आग लगा दी, उनके खेत नष्ट कर दिए, उनका गांव जलकर खाक हो गया. पीड़िता की मां ने मणिपुर हिंसा पर काबू न कर सकने का सारा दोष मणिपुर सरकार को दिया है और कहा है कि वह इस घटना की वहज से शारीरिक और मानसिक रूप से सदमे में है. हालांकि, डॉक्टरों द्वारा परामर्श जारी है.